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दुलहीपुर : (चंदौली )इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों को 1445 साल पहले 61 हिजरी में पहले दुर्दांत आतंकवादी ने तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद किया था। इस शहादत की याद में हर वर्ष मुस्लिम समुदाय 10 मोहर्रम को ताजिया और दुलदुल का जुलूस उठाता है। इसी क्रम में क्षेत्र के इमामबाड़ा आगा नजफ़ अली से अलम, ताबूत व जुलजनाह का जुलूस उठा। इस जुलूस में युवाओं ने ज़ंजीरी मातम कर खुद को लहूलुहान कर दिया।
जुलूस उठने से पहले मौलाना सयेद कैसर हुसैन नजफी ने मजलिस को खेताब फरमाया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन का एक 6 महीने का बच्चा भी कर्बला में था जिसे जब प्यास लगी तो उसे लेकर खैमे से जंग के मैदान में ले गए और यजीदी लश्कर से उसे बच्चे को पानी देने की मिन्नतें की पर उनका दिल नहीं पसीजा और ऊंट का शिकार किये जाने वाले तीन भाल के तीर से उसे भी शहीद कर दिया। ये सुनते ही वहां मौजूद लोग रोने लगे। जुलूस उठने पर नौजवानों ने पहले ब्लेड और फिर कमा और जंजीर का मातम किया। इस मौके पर एसपी अंकुर अग्रवाल पहुंच कर जायजा लिया शांति पूर्वक जुलूस को रवाना कराया गया। डीडीयू नगर सीओ अनिरुद्ध सिंह भी पहुंच कर सुरक्षा के दृष्टि से फोर्स लगाए, लोगो की भीड़ इतना बढ़ गई उसके बाद भी पुलिस शांतिपूर्वक जुलुस को समाप्त कराया। मुगलसराय इंस्पेक्टर दिन दयाल पांडे, क्राइम प्रभारी महमूद आलम, दुलहीपुर चौकी प्रभारी नसीबबुद्दीन, एसआई आफताब आलम हेड कास्टेबल, व कास्टेबल, पीएससी फोर्स लगाई गई थी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों साहूपुरी रोड, जीटी रोड, बावन बीघा, भीसौड़ी रोड होते हुए कर्बला में समाप्त हुआ। जुलूस में प्रमुख रूप से इम्तियाज हैदर जाफरी, समर हुसैनी, अंजुमन सज्जादिया असगरिया के के सेक्रेटरी यासिर हैदर जाफरी, मक़सूद जाफरी, शौकत जाफरी, लईक रज़ा, फैजी जाफरी, काशिफ जाफरी, कासिम जाफिर, वसी जाफरी, अज़हर हुसैन, शहंशाह हुसैन, मुज़म्मिल दानिश, पप्पू आदी लोग मौजूद रहे। जुलुस का संचालन प्रमुख समाजसेवी राहिब जाफरी ने किया
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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