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उरण : स्वर्गीय जननेता दि. बा पाटील साहब के नेतृत्व में १९८४ की वीरतापूर्ण और गौरवपूर्ण लड़ाई में पंच हुतत्मे सहित कई अन्य लोग गोली लगने से घायल हुए थे। १९८७-८८ में पागोटे पांजे और महलन क्षेत्रों में उनके उत्तराधिकारियों के साथ-साथ ३५० परियोजना प्रभावित श्रमिकों को रोजगार दिया गया था। लेकिन सी.डब्ल्यू.सी. कंपनी की गलत नीति के कारण स्थानीय श्रमिकों और हजारों परियोजना पीड़ितों, ट्रक मालिकों, टेंपो मालिकों, चाय टपरियों, जो कंपनी पर निर्भर थे, न अपनी नौकरी खो दी। इस बीच कई ठेकेदार आए और गए लेकिन असफल रहे। इसलिए २०१५ से आज तक मजदूर बेरोजगार रहे। सी.डब्ल्यू.सी. कंपनी के दिल्ली स्थित अधिकारी पिछले कई सालों से संपर्क में हैं और टेंडर बदलने का अनुरोध कर रहे हैं। तदनुसार अब बजट सीएफएस टर्मिनल लि. इस कंपनी के सफल बोली लगाने के बाद कंपनी प्रबंधन ने श्रमिक नेता महेंद्रशेठ घरत से संपर्क किया। श्रमिकों और ठेकेदारों के साथ कई दौर की चर्चा के बाद, दोनों C.W. सी कंपनी को सफलतापूर्वक चलाने के लिए और डी. दिवंगत जननेता दी बा. पाटील जिन्होंने पुराने दिनों को वापस लाकर इस सीएफएस में हजारों परियोजना पीड़ितों को खोया रोजगार प्रदान किया। श्री. दि. बा पाटील साहब को सही मायनों में श्रद्धांजलि देने का काम करने का निर्णय लिया गया। मजदूर नेता महेंद्रशेठ घरत के मार्गदर्शन में इस सिद्धांत पर समझौता हुआ कि कंपनी उसी के अनुसार चले और कंपनी में काम सुचारू रूप से चले। इस अवसर पर एनएमजीकेएस संगठन के महासचिव वैभव पाटिल, कंपनी प्रबंधन एवं श्रम प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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