अहो मां बनती है ओ मां

By: Surendra
Dec 30, 2022
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नवी मुंबई : वाशी स्थित अहो मां चैरिटेबल ट्रस्ट अपने नाम को चरितार्थ करती रहती है। कुछ महिलाएं अपने जीवन को अनाथ बच्चों के लिए समाज सेवा के लिए समर्पित कर देती है। उन्हीं महिलाओं का ट्रस्ट है अहो मां। वर्ष भर विभिन्न अस्पतालों में किसी ना किसी आयोजन की आड़ लेकर यह ट्रस्ट कैंसर ग्रस्त बच्चे अथवा अन्य बीमारियों को झेल रहे बच्चे या किसी सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त अनजान व्यक्ति की सहायता के लिए सदैव समर्पित अहो मां, मां की भांति बच्चों को हंसाने का खिलाने का प्रयास करती रहती है। वर्ष भर आयोजित कार्यक्रमों की एक लंबी सूची है। चाहे वाशी का नवी मुंबई नगरपालिका अस्पताल हो या फिर खारघर का सत्य साईं अस्पताल हो या नेरुल का कोई का अस्पताल हो जहां पर इस ट्रस्ट ने बच्चों की सहायता न की हो। अहो मां की अध्यक्षा पूजा चंदन के नेतृत्व में प्रीति चंदन, एकता चंदन और हेमा कोटक सहित कई महिलाओं की सहायता के द्वारा यह ट्रस्ट अपना कार्य संपन्न करता है। गुजराती मूल की दिव्या कोटक से बातचीत में उनकी मां रूपी वात्सल्य की झलक दिखाई देती है। इसी समाज सेवा के सिलसिले में ग्रामीण आदि रिसर्च एवं इन्नोवेटिव ट्रस्ट यानि गर्वित भारत के मुख्य ट्रस्टी विपुल लखनवी ने उनके निवास पर पत्रकार सुरेश सरोज के साथ मुलाकात की और अपने ट्रस्ट के माध्यम से इस दिशा में कार्य करने के लिए सहयोग देने की पेशकश की। साधारण बातचीत में दिव्या कोटक जी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लोहाना समाज, गुजराती समाज की महिलाओं द्वारा निर्मित विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा की और इस दिशा में भी कुछ करने का विचार व्यक्त किया। यह निर्णय लिया गया कि इन समाज सेवा की कार्य को और अधिक प्रचारित किया जाए जिससे समाज के अन्य लोग भी जुड़ने की इच्छा करें। चैरिटी के काम में जो समस्या आती है वह लोगों का शारीरिक रूप से सहयोग न मिलना। धन की बात तो अलग है लेकिन अधिकतर समाज के लोग तन और मन से भी सेवा करने के लिए आगे नहीं आते हैं। यह विचार गर्वित भारत का भी है और अहो मां का भी है। युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के विषय में किस प्रकार से जोड़ा जाए इस विषय पर भी चर्चा की गई और यह विचार किया गया कि भारतीय संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को विज्ञान के माध्यम से आज की पीढ़ी को समझाया जाए। वाशी के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन भाई ठक्कर से भी जब बातचीत की गई तो उन्होंने इस दिशा में दिव्या कोटक जी की प्रशंसा करते हुए हर तरीके के सहयोग करने का आश्वासन दिया। क्योंकि एक महिला होने के नाते और एक वृद्ध होने के नाते हैं विभिन्न समस्याएं आती रहती हैं इसलिए लोग चाह कर भी चैरिटी के कामों में अपना योगदान नहीं दे पाते हैं।

इस समाचार के माध्यम से मैं विपुल लखनवी व्यक्तिगत रूप से आप सभी से अनुरोध करूंगा कि आप समाज के कार्य हेतु आगे आए और नवी मुंबई में कार्यरत विभिन्न चैरिटेबल ट्रस्ट जैसे अहो मां, गर्वित भारत, जो वास्तविक समाज में सेवा में लगे हुए हैं उनको तन और मन से सहयोग देने का प्रयास करें।


Surendra

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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