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By : शाकिर अंसारी
चंदौली : भारत त्योहारों का देश है। यहां पर प्रत्येक धर्म के लोग रहते हैं।और इस प्रकार हर महीने किसी न किसी धर्म का त्योहार मनाया ही जाता है। इस प्रकार यहां हमेशा खुशियों के बाहर बनी रहती है। पर इन खुशियों के शुभ अवसर पर ,खुशियां छीनने वाले कुछ मक्कार और धोखेबाज लोग भी रहते हैं।
प्रत्येक घरों में त्योहारों के नाम पर , साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। और पूरी सफाई और सादगी के साथ सभी धर्मों के लोग अपना अपना त्यौहार मनाते भी हैं।त्योहारों का अर्थ यही होता है कि एक दूसरे के जीवन में खुशियों को बांटना । पर ऐसी विडंबना है। कि त्योहार मनाने वाले कुछ लोग ही एक दूसरे के जीवन से उनकी खुशियों को उनसे छीन लेते हैं। कुछ लोग ऐसे हैं । चंद रुपयों की खातिर किसी का पर्स चुरा लेते हैं। किसी को धोखा दे देते हैं, किसी को मुसीबत में डाल देते हैं। आखिर ऐसा क्यों?
क्या मिलता है ।उन लोगों को जो एक दूसरे को धोखा देकर उनके साथ दगाबाजी कर जाते हैं।। और वह भी उन लोगों के साथ जो उनसे कमजोर होते हैं। आज के समय में सबसे ज्यादा किसी के साथ छल कपट , या धोखा होता है ।तो वह हैं हमारी समाज की स्त्रियां और कुछ बुजुर्ग लोग । जिन के सोच समझ में धोखा नाम का शब्द ही नहीं होता है। उन्हीं लोगों के साथ अकसर धोखा होता है। ऐसे लोगों को धोखा देकर उनको क्या मिलता है ।जो अपना पेट भर ने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। खैर आज बात में धोखे की नहीं। त्योहारों की कर रही हूं।आज मैं बात दीपावली के त्यौहार की । कर रही हूं।
दीपावली का त्योहार हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस त्यौहार में सभी बच्चो से लेकर बड़े बुजुर्गों तक सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त रहते हैं। इस त्यौहार में सफाई का विशेष महत्व होता है। सभी लोग अपने घरों की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। घर की गंदगी को दूर करते हैं। घर में सुख समृद्धि की कामना करते हैं । इस त्योहार को हम विशेष रूप से अपने घर में सुख समृद्धि की कामना हेतु मनाते हैं। पर हम कहीं ना कहीं भूल जाते हैं कि सुख समृद्धि तभी आएगी जब हमारे विचार और सोच अच्छे होंगे। (काश ! हम अपने आप को भी सुधारने का थोड़ा सा ध्यान देते तो शायद दूसरे के जीवन में हमारे द्वारा किसी का कोई भी नुकसान नहीं होता। एक इंसान का काम होता है । दूसरे इंसान को कभी दुख ना देना।
पर हम लोग आय दिन एक दूसरे को दुख पहुंचाते ही रहते हैं। मुझे नहीं लगता हम इंसान कहलाने लायक हैं। वो कहा जाता है , ना किसी के साथ अच्छा नहीं कर सके तो किसी का बुरा भी मत करो । हम सभी के अंदर कोई ना कोई गुण जरूर है। अपने उन्हीं गुणों को अपनाकर हम एक दूसरे की भलाई कर सकते हैं। तो शायद हमारा त्यौहार अधिक सफल होता। आइए इस दिवाली संकल्प लें अपने अच्छे विचार तथा अपने कर्म के साथ अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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