मनरेगा की मजदूरी पर भ्रष्टाचार का कोढ़, रिश्तेदारों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर रोजगार सेवक ने किया फर्जीवाड़ा

By: Khabre Aaj Bhi
Oct 01, 2022
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रोजगार सेवक ने ससुर और सास के जॉब कार्ड बनाए, लाखों का गबन किया

जिम्मेदार अधिकारियों ने 'मनरेगा' कार्य कि कायदे से की जांच, तो बड़े पैमाने पर होगा भ्रष्टाचार का खुलासा

'मनरेगा' में लगातार कई वर्षों से भ्रष्टाचार के इस लुका छुपी खेल से ग्रामीण है, आक्रोशित

By : मयंक कुमार 

वाराणसी : रोहनिया यूपी के वाराणसी आराजी लाइन विकासखंड में मनरेगा के मजदूरी के बजट में ग्रामसभा देउरा कि रोजगार सेवक गीता पाल ने सरकारी धन की लूट की है. यहां रोजगार सेवक प्रतिनिधि राम दवन पाल ने फर्जी जॉब कार्ड के सहारे गरीबों का हक छीन लिया और सरकारी योजना को पलीता लगाया।

सुनने में भले आपको ये महज बॉलीवुड की किसी मूवी का गाना लग रहा हो लेकिन इसकी हकीकत देखनी है तो वाराणसी के आराजी लाइन ब्लॉक में चले आइये. जहाँ गांव का जालसाज रोजगार सेवक प्रतिनिधि राम दवन पाल ने मनरेगा मजदूर की गाढ़ी कमाई का विलेन बन जीरो में ऐसा कारनामा किया कि इन मनरेगा मजदूरों का पूरा पैसा खुद ले उड़ा. कहते हैं न शून्य में जबतक कोई संख्या न हो तो उसका कोई अस्तित्व नहीं रहता लेकिन अगर राम दवन पाल जैसा फरेबी रोजगार सेवक प्रतिनिधि हो तो सब कुछ सम्भव है.

नियम कानून की उड़ाते हैं धज्जियां

मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन कर ग्राम रोजगार सेवक ने अपने घर में दो सदस्यों का एक जॉब कार्ड में नाम डालकर बिना मजदूरी कराए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। जांच में मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी द्वारा लाखों की वसूली करने और ग्राम रोजगार सेवक को हटाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

भ्रष्टाचार का होता है बहुत बड़ा खेला

विकासखंड आराजी लाइन के ग्राम देउरा के ग्राम रोजगार सेवक गीता पाल ने अपने परिवार के सदस्यों के जॉब कार्ड बनाकर फर्जी हाजिरी भरकर भुगतान कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि जांच उपायुक्त श्रम व रोजगार से कराई जाएं।  इस प्रकार ग्राम रोजगार सेवक गीता पाल ने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने घर (एक ही परिवार) में एक जॉब कार्ड में परिवार के दो सदस्यों का नाम डालकर सरकारी धनराशि लाखो रुपये का गबन किया है।

कारवाही के नाम पर कही सिर्फ खानापूर्ति तो नही..?

सबसे बड़ा यह सवाल उठता है कि जहां पर सूबे की सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हैं तो वहीं पर यूपी के वाराणसी जिले में ही भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। रोजगार सेवक गीता पाल द्वारा लगभग पांच वर्षों से अपने ही घर के दो व्यक्तियों का जॉब कार्ड में नाम डाल कर सरकारी धन की उगाही कर रही थी। क्या इस बात की जानकारी आराजी लाइन ब्लॉक के सक्षम अधिकारियों को नहीं थी या फिर मनरेगा के अंतर्गत पात्र और अपात्र सूचियों की जांच नहीं होती है। ग्रामीणों द्वारा कई बार रोजगार सेवक की शिकायत की गई लेकिन ब्लॉक स्तर से हमेशा रोजगार सेवक को बचाया गया। रोजगार सेवक के इस भ्रष्टाचार को देखकर कहीं ना कहीं यह महसूस होता है कि मनरेगा के अधिकारी और आराजी लाइन ब्लॉक के सक्षम अधिकारी भी कहीं न कहीं इस पूरे मामले में संलिप्त है। कायदे से जांच हुई तो भ्रष्टाचार के इस बड़े खेल में नपेंगे कई अधिकारी ।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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