भारत पर गहराता आतंकवादी लोन वुल्फ अटैक का साया विपुल लखनवी

By: Surendra
Sep 28, 2022
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नवी मुंबई :  पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर भारत सरकार ने 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया। वास्तव में यदि यह कदम कुछ वर्षों पूर्व लगाया गया होता तो अधिक बेहतर होता। लेकिन राजनीति के कारण और वोट बैंक के भय के कारण पिछली सरकारें इस पर अधिक सख्ती नहीं बरत सकी और कुछ तो इसकी सहायता भी करती रही। वर्तमान में भी कुछ राजनीतिक पार्टियां इस तरह के संगठनों को पालने पोसने में सहयोग करती है। क्या सही है क्या गलत है इसका फैसला तो उच्चतम न्यायालय करता है लेकिन वहां पर भी न्याय करने वाले मानव ही होते हैं जो मानव की अच्छाई बुराई से भी ग्रस्त हो सकते हैं। यह बात सेवानिवृत्ति के पश्चात कई उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने सार्वजनिक रूप से भी कही है।

लोन वुल्फ अटैक मॉड्यूल में बिना किसी टीम के अकेले ही घटना को अंजाम दिया जाता है। इसमें धारदार हथियार (चाकू या फिर अन्य) का ही प्रयोग किया जाता है। इस माड्यूल को लोन वुल्फ अटैक इसलिए कहते हैं, क्योंकि यह भेडि़ए की तरह अकेले हमला करने की रणनीति होती है।

लोन वुल्फ अटैक अधिकतर स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के आतंकी करते हैं। हमलावर इंटरनेट या फिर किसी अन्य माध्यम के जरिए आतंकी संगठन से जुड़ा रहता है। इस अटैक में एक अकेला शख्स ही पूरे वारदात को अंजाम देता है। इस तरह के हमलों में में आतंकियों का मकसद होता है वह अकेले अपने दम पर अधिक से अधिक लोगों का खून बहाएं। ऐसे हमलों में छोटे हथियार, चाकुओं, बंदूकों और कभी-कभी हाथ से बनाए गए विस्फोटकों का भी इस्तेमाल होता है। यह भी एक तरीके से आत्मघाती हमले की तरीके से ही होता है लेकिन इसमें बचने की भी संभावना हो सकती है। दरअसल, अकेले आतंकी द्वारा साजिश रचने का पता लगाना खुफिया एजेंसियों के लिए काफी मुश्किल होता है।

भारत में पिछले दिनों गोरखनाथ मंदिर पर किए जाने वाला हमला कुछ इसी तरीके का था। अपराधी मुर्तजा से पूछताछ में पता चला है कि लोन वुल्फ अटैक के पीछे उसका मकसद दहशत फैलाना था। उसे पता था कि गोरखनाथ मठ की सुरक्षा बेहद कड़ी है। शहर के बीचोबीच स्थित होने और भीड़भाड़ इलाके में होने के कारण यहां ग्रुप के साथ हमला करना मुश्किल था। इसलिए इस मॉडयूल को चुना गया और अकेले कम से कम दो-तीन पुलिसकर्मियों को मारते हुए मंदिर के भीतर घुसकर आतंक फैलाने की इसकी योजना था। गोरखनाथ मंदिर में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले मुर्तजा ने एटीएस को बताया कि वह 'लोन वुल्फ अटैक' के वीडियो देखा करता था। इसी वीडियो से प्रेरणा लेते हुए उसने वारदात को अंजाम दिया था।

इस तरीके के हमले पश्चिमी देशों में आए दिन होते रहते हैं। अमेरिका के 5 बड़े शहरों में शामिल न्यूयॉर्क के लोअर मैनहैटन में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से सबको दहशत में डाल दिया था। हमले को 29 वर्ष के उजबेकिस्तान के नागरिक सैफुलो हबीबउल्लाएविक साइपोव ने अंजाम दिया है। आतंकी हमले में जहां आठ लोगों की मौत हो गई वहीं 11 लोग जख्मी हो गए। हमला करने वाला आतंकी अकेला था। इस हमले को भी लोन वुल्फ अटैक से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, लोन वुल्फ अटैक में भी एक ही आतंकी पूरे हमले को अंजाम देता है। अब अमेरिका, यूरोप के अलावा भारत में भी इस अटैक का खतरा मंडराने लगा है विशेषज्ञ कहते हैं कि लोन वुल्फ अटैकर्स की दिमागी हालत सही नहीं होती है, कई अध्ययन में सामने आया है कि इस अटैक में शामिल होने वाले आतंकी अपने जीवन में कभी न कभी मानसिक बीमारी का शिकार होते हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसी अकेले आतंकी के काम करने का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे हमले काफी कम खर्च में अंजाम दिए जाते हैं। हालांकि कई बार इसमें आतंकियों का ग्रुप भी शामिल हो जाता है।  बता दें कि आईएसआईएस की मैगजीन 'इंसपायर' में ऐसे हमले के बारे में जिक्र किया गया है।

इतिहास का पहला टेरर अटैक 15 नवंबर 1988 को दुनिया में सामने आया था। साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया में हुए इस हमले को ब्ररेंड स्ट्रेडॉम ने अंजाम दिया था। उसने अचानक ही स्ट्रीडोम स्क्वायर पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए थे। यूरोप और अमेरिका में भी 90 के दशक की शुरुआत में लोन वोल्फ टेरर अटैक्‍स के मामले दर्ज होने शुरू हो गए थे। 

12 जून 2016 - ओरलैंडो के एक नाइटक्लब में फायरिंग हुई। करीब 50 की मौत,  53 घायल। हमलावर की पहचान 29 वर्षीय उमर मतीन के रूप में हुई जो कि अमेरिकी नागरिक था और पोर्ट सेंट लूसी का रहने वाला था। 

2 दिसंबर 2015 - सेन बर्नारडिनो में एक कॉन्फ्रेंस हॉल में फायरिंग, 14 की मौत, 17 घायल हुए थे।

27 नवंबर, 2015 - कोलोरेड स्पिंग्स में हुई फायरिंग में तीन लोगों व एक पुलिस ऑफिसर की मौत। पांच घंटे बाद हमलावर ने सरेंडर किया। 

1 अक्टूबर, 2015 - रोसबर्ग में क्रिस हार्पर नाम के व्यक्ति द्वारा की गई फायरिंग में करीब 10 लोगों की मौत। पुलिस कार्रवाई में हमलावर ढेर। 

16 जुलाई 2015 - चट्टानूंगा में दो मिलिट्री इलाकों में एक युवक द्वारा की गई फायरिंग में चार नौसैनिकों और एक नौसेना अधिकारी की मौत हो गई। हमलावर की पहचान मोहम्मद यूसुफ अब्दुलजीज के तौर पर हुई। घटना में वह भी मारा गया। 

24 अक्टूबर 2014 - मेरीस्विले में एक 15 वर्षीय छात्र ने अपने हाई स्कूल केफेटेरिया में गोलीबारी की। घटना में चार लोग मारे गए। छात्र जेलीन रेय ने खुद को भी गोली मारकर जान दे दी। 

23 मई 2014 - इस्ला विस्ता में एक कॉलेज छात्र ने छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद छात्र एलियट रोगर ने आत्महत्या कर ली। 

7 जून 2013 - सेंटा मोनिका में एक युवक ने कार, बस और इमारतों पर फायरिंग की। पांच की मौत। पुलिस कार्रवाई में हमलावर भी मारा गया। 

16 दिसंबर 2013- वाशिंगटन के नेवी यार्ड में मानसिक विक्षिप्त एरॉन एलेक्सिस ने फायरिंग कर 12 लोगों को मार डाला। बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

14 दिसंबर 2012 - कनेक्टिकट के न्यूटाउन में 20 वर्षीय युवक ने फायरिंग कर 26 लोगों को मार दिया, जबकि 20 लोग घायल हो गए। बाद में उसने खुद को भी गोली मार ली। अभी कुछ दिन पूर्व रूस में भी एक व्यक्ति ने स्कूल में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग कर कई लोगों को घायल करके मार दिया था।

वर्तमान में लोन वुल्फ अटैक आतंकी संगठनों के जरिए आतंक फैलाना का नया जरिया बन गया है। ये तरीका उनके लिए ज्यादा आसान है, क्योंकि इसके लिए दहशतगर्दों को किसी बड़ी योजना या साधनों की जरूरत नहीं पड़ती। आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी अक्सर ऐसे हमले करते हैं। आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ने कुंभ जैसे मेलों में लोन वुल्‍फ अटैक की चेतावनी भी दी है। 

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ने भारत में लोन-वोल्‍फ हमले की धमकी दी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 10 मिनट लंबी ऑडियो क्लिप मलयालम भाषा में रिलीज की गई है और उसमें कुंभ मेले और केरल के त्रिसूर पुरम जैसे लोकप्रिय त्‍याेहारों में भीड़ पर अमेरिका के लास-वेगास जैसे लोन वुल्‍फ हमले के लिए कहा गया है। इस पुरुष आवाज में कुरान की कई आयतों का जिक्र करने के साथ ही भारत में आतंकी हमले की बात कही गई. यह इस क्षेत्र में सक्रिय आइएस के संगठन दौलातुल इस्‍लाम का 50वां ऑडियो क्लिप है। इस क्लिप में लास वेगास शूटिंग का साफ शब्‍दों में जिक्र किया गया, जहां म्‍यूजिक कंसर्ट में कई लोग मारे गए।

राजधानी दिल्ली से पकड़े गए आतंकी मुस्तकीम उर्फ अबू यूसुफ को पकड़ने के लिए पुलिस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले पहुंची। दिल्ली पुलिस ने उतरौला थाना क्षेत्र के बढ़या भैंसाही गांव में यूसुफ के घर से छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक, मानव बम वाले दो जैकेट, कई धार्मिक साहित्य व अन्य संदिग्ध चीजें बरामद की थी। यूसुफ की पत्‍नी को इस बात की जानकारी थी। यूसुफ ने उसे किसी से भी ये बात बताने से मना किया था। बता दें, अबू यूसुफ को राजधानी में 'लोन वुल्फ हमला' करने का आदेश था। इसके लिए उसने सभी तैयारियां कर ली थीं।

कुल मिलाकर वर्तमान में हम सब भारतवासियों को मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने का प्रयास करना चाहिए और अपने पास पड़ोसियों की गतिविधियों पर सदैव निगाह रखनी चाहिए किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को स्थानीय पुलिस को सूचना देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त हमको भी कानून के मानकों का पालन करना चाहिए अनावश्यक रूप से पुलिस को भी परेशान नहीं करना चाहिए।


Surendra

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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