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By : शाकिर अंसारी
दुलहीपुर : (चंदौली) पैगम्बर साहब और उनके नवासे इमाम हसन की याद में क्षेत्र के मिलकियाना शिया बस्ती से पचासे का जुलूस मंगलवार को उठाया गया। जुलूस इमामबाड़ा हाकिम मोहम्मद इब्राहिम से उठाया गया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ आगा नजफ़ अली साहब के इमामबाड़े पहुंचा, जहां तकरीर के बाद जुलूस अपने पारम्परिक रास्तों से होता हुआ कर्बला दुलहीपुर पर समाप्त हुआ। इस दौरान चंदौली पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।
जुलूस उठने से पहले इमामबाड़ा हकीम मोहम्मद इब्राहिम में जुलूस की मजलिस को मौलाना कैसर हुसैन नजफी ने खेताब फ़रमाया। इस दौरान उन्होंने बताया कि इमाम हसन को उनके नाना की कब्र के बगल में दफन नहीं होने दिया गया। उस वक़्त के आतंकवादियों ने उनके जनाजे पर तीर बरसाए और उनका जनाजा घर से जाने के बाद दोबारा उनके घर वापस आया और उनके जनाजे से 7 तीर निकाले गए और दफन किया गया। ये सुनकर मजलिस सुन रहे लोग रोने लगे।
जुलूस उठने पर अंजुमन सज्जादिया असगरिया ने नौहा ख्वानी वा मताम किया। जुलूस जीटी रोड, शिया जामा मस्जिद, कसाईबाड़ा होते हुए आगा नजफ़ अली साहब के इमामबाड़े पहुंचा जहां हुई तकरीर को हाजी समर हसन हुसैनी ने खेताब फ़रमाया। इसके बाद जुलूस यहां से उठकर जीटी रोड होते हुए कर्बला मार्ग से कर्बला दुलहीपुर पहुँच कर समाप्त हुआ।
जुलूस में मुख्य रूप से यासिर हैदर, मक़सूद हसन, इम्तियाज हैदर, लईक रजा, राहत रजा, फैजी जाफरी, राहिब जाफरी, काशिफ जाफरी, कासिम जाफरी, अजहर हुसैन, शहंशाह हुसैन, मोहम्मद आदि लोग शामिल रहे। अंजुमन के सेक्रेटरी यासिर हैदर और समाजसेवी राहिब जाफरी ने जुलूस में सुरक्षा के लिए मुस्तैद एसआई आफताब आलम और उनके मातहतों को धन्यवाद दिया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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