आखिर यूपी के लखीमपुरखीरी कांड में किसानों की मौत का जिम्मेदार कौन ? जनता का सवाल

By: Khabre Aaj Bhi
Oct 06, 2021
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देशभर में घटना को लेकर सियासी घमासान जारी, मृतक किसानों के परिजनों का दर्द बांटने जा रहे राजनेताओं को प्रशासन ने रोका,


घटना के बाद सख्त हुई योगी सरकार, पीड़ितों को न्याय का दिलाया भरोसा

By: शिवप्रसाद अग्रहरि

जौनपुर : उत्तरप्रदेश के लखीमपुरखीरी जिले में विगत रविवार को हुई चार किसानों की मौत के बाद बवाल हो गया। इस घटना के बाद किसान उग्र गए। वही भड़की हिंसा में चार लोग और मारे गए। इस पूरे बवाल के बाद सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी नेता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का इस्तीफा मांग रहे है।

घटना के विषय में बताते चलें कि बीते रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तय कार्यक्रम के तहत लखीमपुरखीरी के दौरे पर थे। उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थी। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गई। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। 

इससे झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई, हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक स्थानीय पत्रकार भी शामिल है। इस घटना के बाद से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गई और विभिन्न पार्टी के राजनेता घटना में मारे गए किसानों के परिजनों के यहां दुख दर्द बांटने के लिए लखीमपुरखीरी के लिए रवाना होने लगे। देर रात ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंची और यहां से लखीमपुर के लिए रवाना हो गई। प्रियंका सोमवार को तड़के लखीमपुर पहुंच भी गई थी,  लेकिन उन्हें हरगांव के पास हिरासत में ले लिया गया। उन्हें सीतापुर गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। वही सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी सुबह लखीमपुरखीरी जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार किसानों पर जैसा जुल्म कर रही है, वैसा जुल्म अंग्रेज भी नहीं करते थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की मांग की है। इस दौरान लखनऊ में अखिलेश के धरनास्थल के नजदीक थाने के सामने ही पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। अखिलेश ने आरोप लगाया है कि ये गाड़ी पुलिस ने ही जलाई होगी।   

लखीमपुरखीरी कांड सामने आने के बाद कई अन्य पार्टियों के राजनेता भी पीड़ित परिवार का दर्द बांटने वहां जाने लगे तो प्रशासन द्वारा लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देकर रास्ते में ही रोक लिया गया। हालांकि इस दौरान कई राजनेताओं की प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई।

अब तक इस घटना की दो थ्योरी सामने आ रही है। पहली किसानों की और दूसरी थ्योरी घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की। किसानों का आरोप है कि लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों पर कार चढ़ा दी। 

किसानों के मुताबिक वो लोग आशीष मिश्रा के गांव जा रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का विरोध करने इकट्ठा हुए थे, इसी दौरान डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे आशीष मिश्रा ने किसानों पर कार चढ़ा दी और किसानों पर हमला भी बोला, लेकिन दूसरे पक्ष की कहानी ठीक इसके उलट है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा तेनी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ हमलावरों ने हमारे कार्यकर्ताओं से यह कहने को कहा कि मैंने उनसे किसानों को कुचलने के लिए कहा था। मेरे बेटे पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है। अगर वह वहां होता तो उसकी हत्या कर दी जाती। मैं मांग करता हूँ कि उक्त घटना में मारे गए प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के परिवारों को 50 लाख रुपए दिए जाए। मामले की या तो सीबीआई, एसआईटी या किसी मौजूदा/ सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। बता दें कि लखीमपुरखीरी में निर्मम किसानों की मौत के बाद सियासी गलियारों से लेकर बॉलीबुड व आमजनमानस तक गुस्सा देखा जा रहा है। क्योंकि जिस तरह से उक्त घटना का वीडियो वायरल हुआ है वह अत्यंत ही चौकाने वाला व निंदनीय है। सवाल यह है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कौन लोग शामिल है। जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाई गई हैं यह अपने आप मे बेहद हैरान करने वाली व एकदम दुःखद घटना है। ऐसी घटना अगर किसी सियासत करने वाले ने किया है तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। इस घटना को लेकर  बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी उसी वीडियो को शेयर किया है लेकिन इसमें तस्वीरें काफी साफ दिखाई देती है। गाड़ी के पीछे बीजेपी का पोस्टर लगा दिखता है और लोगों को कुचलते समय ड्राइवर का चिल्लाते हुए दांत निकालना भी साफ समझ में आता है। 29 सेकेंड के इस वीडियो को बार बार चलाकर देखने से पता चलता है कि लोगों को कुचलने के बाद भी ड्राइवर और गाड़ी में बैठे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि न सिर्फ वह गाड़ी बल्कि उसके पीछे आ रही एक लंबी कार भी उसी रफ्तार में दौड़ती चली गई। सायरन लगातार बजता रहता है और किसान चिल्ला उठते हैं। बॉलीवुड के कमाल राशिद खान ने बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब बीजेपी के जुल्म की इंतेहा हो गई। लोगों को अब नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार गिरा देनी चाहिए। लखीमपुरखीरी हिंसा को लेकर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी भी लगातार सक्रिय है और बीजेपी सरकार को घेर रहे है। दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सीतापुर में पुलिस हिरासत में बंद प्रियंका गांधी से मिलने सीतापुर आ रहे थे लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। इसी बात को लेकर कापड़ी ने ट्वीट किया, 'और अभी एक हफ्ते पहले ही नरेंद्र मोदी अमेरिका में भारत के जीवंत लोकतंत्र की दुहाई दे रहे थे।'

विपक्षी नेताओं का सवाल है, 'योगी आदित्यनाथ जी आपके राज में किसानों की निर्मम हत्या करने वाले गिरफ्तार कब होंगे ? 

इधर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह आसमान पर है। प्रियंका को अपनी इस बढ़त का फायदा भी मिला है। यूपी की राजनीति के केन्द्र में अचानक कांग्रेस और प्रियंका गांधी हैं। यूपी की योगी सरकार ने मुआवजा व नौकरी की रणनीति से पूरे मामले पर लगभग काबू पा लिया है । योगी सरकार ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की मदद से समझौता पत्र भी तैयार करा लिया। लेकिन प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात किए बगैर वापसी नहीं करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। उनका यह राजनीतिक फैसला योगी सरकार के अलावा मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी की भी मुश्किल बढ़ाने वाला है। प्रियंका की जिद के आगे हारकर योगी सरकार को उनकी हिरासत को गिरफ्तारी में तब्दील करना पड़ा है। बता दें कि प्रियंका गांधी पिछले 54 घंटे से अभी भी पुलिस हिरासत में है। जिसे लेकर प्रदेश सहित देशभर के कांग्रेसियों में योगी सरकार के खिलाफ गुस्सा है। 


प्रियंका के इस राजनीतिक दांव से जहां विपक्ष कमजोर हुआ है , वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह आसमान पर है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सीतापुर में पुलिस बैरिकेड भी उखाड़ कर फेंक दी। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह पुलिस से कह रहे हैं कि हमें गोली मार दीजिए , लाठी चलाइए या गिरफ्तार कीजिए। प्रियंका गांधी कामयाब इसके बावजूद पुलिस उनसे जोर—जबरदस्ती करने से बचती दिखाई दी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के इस उत्साह को पार्टी नेतृत्व भी महसूस कर चुका है। कार्यकर्ताओं को सरकार के गलत फैसलों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करने में प्रियंका गांधी कामयाब हो चुकी है।

अब राहुल गांधी ने इस मौके पर आगे बढ़कर नेतृत्व देने का निर्णय किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यूपी पुलिस ने मंगलवार को चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अमौसी से बाहर ​नहीं निकलने दिया। प्रियंका जेल में हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को लीडरशिप देने के लिए खुद राहुल ने आगे आने का फैसला किया है। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भी लखीमपुर जाएगा। जाहिर है कि कांग्रेस के इस दांव से उसे प्रदेश की राजनीति में बढ़त मिलेगी। कार्यकर्ताओं को नेतृत्व का साथ मिलेगा और योगी सरकार से लेकर विपक्षी दलों की परेशानी बढ़ने वाली है।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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