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रिपोर्ट: मारूफ़ अहमद खान ग़ाज़ीपुर। पूरे दिन नवली कांड पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा, वही तमाम सियासी बयानबाजियों ने मामले को नए मोड़ देने की कोशिश भी की। मंगलवार की देर शाम दो पक्षों के विवाद के बाद बुधवार की सुबह नवली गांव में पुलिसिया उत्पीड़न को लेकर जहां ग्रामीणों में आक्रोश नजर आया, वही जिले के चर्चित और सपा दिग्गज पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को प्रकरण से जोड़ने की कोशिशें भी की गई। प्रतिपल बदलते घटनाक्रमों और सियासी बयानों से सपा दिग्गज ओमप्रकाश सिंह को इस कांड से जोड़कर फंसाने की साजिश प्रतीत हो रही थी। ऐसे में बुधवार की देर शाम ओमप्रकाश सिंह ने मीडिया से बात करते हुए पूरे घटनाक्रम पर पुलिस की कार्यवाही को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि मेरे खुद पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन से कहने के बावजूद घंटों बाद यूपी हंड्रेड के मात्र तीन सिपाही मौके पर पहुंचे, जो कि गांव में चल रहे बड़े विवाद को सुलझाने में नाकाफी थे। यदि स्थानीय थानाध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्यवाही की होती तो शायद इतना बड़ा बवाल होने ही नहीं पाता। ओमप्रकाश सिंह ने सीधे तौर पर पुलिस की लापरवाही को नवली कांड का जिम्मेदार बताया और उन्होंने कहा कि बुधवार की सुबह नवली गांव में सीओ कासिमाबाद और एसओ दिलदारनगर तथा एसओ रेवतीपुर द्वारा ढाए गए कहर पर पुलिस कप्तान को तत्काल कार्यवाही करते हुए सस्पेंड कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में पुलिस के लोग निरंकुश हो गए और अपने आकाओं के लिए धन उगाही का जरिया मात्र बन चुके हैं। उन्होंने नवली कांड में पुलिस के निकम्मेपन और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की कठोर निंदा की है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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