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गाजीपुर: जनपद बलिया में वर्ष २००२ से वर्ष २००५ के मध्य केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) में बड़े पैमाने पर खाद्यान्न की कालाबाजी की गई थी। बुधवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपी रिटायर्ड सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) धर्मदेव सिंह यादव पुत्र स्व. नरायन सिंह यादव निवासी ग्राम शेरपुर कला थाना भांवरकोल को उनके निवास से गिरफ्तार किया। टीम में निरीक्षक अरविंद कुमार, शशिकांत सिंह, विनीत पांडेय और विनोद सिंह शामिल रहे।
गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा सहअभियुत्तो से मिलकर विकास कार्यों में मानकों का उल्लंघन कर लगभग १४.५० लाख रु का खाद्यान्न और १५.८० लाख रु. का नगद भुगतान केवल कागज में फर्जी तरीके से दिखाकर गबन करने का कृत्य किया गया है। आरोपी के विरुद्ध थाना दोकटी, बलिया में वर्ष २००६ में धारा ४०९,४१९ ,४२०,४६७,४६८,४७१,७४४ ए,१२० बी,३४ भादवि एवं धारा १३(२) भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत है। मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी की टीम गिरफ्तार आरोपित को लेकर बनारस एंटी करप्शन कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए रवाना हो गई।
मालूम हो कि जनपद बलिया में वर्ष २००२ से वर्ष २००५ के मध्य केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) में बहुत बड़ी अनियमितता की गई थी। काम के बदले अनाज वाली इस योजना में मजदूरों को खाद्यान्न देने के बजाय कालाबाजार में बेच दिया गया था। पियरी ब्लाक के विभिन्न गांवों में इस योजना से मिट्टी, नाली निर्माण, खड़ंजा, पटरी मरम्मत, सम्पर्क मार्ग, सीसी और पुलिया निर्माण का कार्य होना था। योजना के तहत ग्रामीण परिवारों, अति निर्धन और गरीब बाल श्रमिकों के माता-पिता को रोजगार देकर खाद्यान्न और नगद धनराशि का भुगतान किए जाने थे। जिम्मेदार अधिकारियों ने कोटेदारों से मिलकर पेमेंट ऑर्डर, मास्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूट रचना कर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाए थे। मास्टर रोल में मजदूरों के फर्जी नाम और पता भी लिखे गए थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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