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बीआरडी अस्पताल के ६० मरीज़ों की मौत के ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकते मुख्यमन्त्री
लखनउ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद योगी सरकार द्वारा डॉ कफील खान के खिलाफ़ जाँच वापस लेने को अल्पसंख्यक कांग्रेस चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने योगी सरकार के लिए एक और शर्मिंदगी करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अदालत का यह पूछना कि डॉ कफील को 'चार वर्षों से निलंबित रखने का औचित्य क्या है ? योगी सरकार के आपराधिक कार्यशैली को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि २०१९ में हुई पहली जाँच में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में डॉ कफील के खिलाफ़ कोई सुबूत नहीं मिला था, अब दूसरी जाँच से भी योगी सरकार पीछे हट गयी है। जिसका सीधा मतलब है कि उन ६० मौतों के लिए योगी सरकार ज़िम्मेदार है जिसने ऑक्सीजन की आपूर्ति ही नहीं की और लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अदालत में योगी सरकार के बैक फुट पर आ जाने के बाद अब योगी जी को चाहिए की वो ख़ुद डॉ कफील से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर या मीडिया के माध्यम से माफी मांग लें। गौरतलब है कि डॉ॰कफील खान की रिहाई के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने पिछले साल १५ दिनों का लंबा अभियान चलाया था। मथुरा जेल से रिहाई के बाद उनके लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पहल पर राजस्थान में रहने की व्यवस्था की गयी। इस दौरान डॉ कफील ने प्रियंका गांधी से मिलकर उनका आभार भी व्यक्त किया था।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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