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जौनपुर: वाराणसी-लखनऊ वाया सुल्तानपुर रेलखंड पर बक्शा थाना क्षेत्र के उचौरा गांव के पास रविवार की दोपहर फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर मौत को गले लगा लेने वाली किशोरी व युवती ममेरी बहनें थीं। सोमवार को स्वजनों ने दोनों की शिनाख्त कर ली। स्वजन की डांट-फटकार से क्षुब्ध होकर दोनों ने आत्मघाती कदम उठा लिया।
मृत्य १६ वर्षीया ज्योति बक्शा थाना क्षेत्र के दरियावगंज निवासी शंभूनाथ निषाद की पुत्री थी। दूसरी १८ वर्षीया कविता मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के उगापुर गांव के नक्षत्रबली निषाद की पुत्री थी। ज्योति करीब डेढ़ माह से उगापुर में अपने मामा नक्षत्रबली के यहां रह रही थी।परिजन के अनुसार रविवार की सुबह किसी बात पर डांट-फटकार लगाए जाने के बाद दोनों करीब दस बजे घर से रुपये निकालने के लिए बाजार जाने की बात कहकर साथ में निकली थीं।
देरशाम तक वापस न लौटने पर स्वजन ने दोनों की खोज शुरू की तो पता चला कि दोनों नाव से सई नदी पार कर बाजार की तरफ जाती देखी गई थीं। उचौरा में ट्रेन के आगे लेटकर दो युवतियों के आत्महत्या कर लेने की खबर सोमवार को अखबारों में पढ़ने के बाद कविता व ज्योति के स्वजन दोपहर थाने आए। पुलिस उन्हें जिला अस्पताल की मोर्चरी ले गई। वहां शव देखते ही दोनों के स्वजन रोने-बिलखने लगे। ज्योति शंभूनाथ निषाद की चार पुत्रियों तथा दो भाइयों में दूसरे नंबर पर थी। कविता की मां सीता व ज्योति की मां साधना रो-रोकर बेहाल हो गई हैं। ज्योति के पिता शंभूनाथ रोजी-रोटी कमाने की गरज से मुंबई रहते हैं।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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