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आगरा : वरिष्ठ चिकित्सक के अपहरण के मामले में गिरफ्तार संध्या पहले धागा मिल में कारीगर थी। नौकरी छूटने के बाद वह काम के लिए परेशान थी। उसकी सहेली ने उसे काम दिलवाने के लिए मथुरा बुला लिया। इसके बाद उसका बदन सिंह से संपर्क हुआ और लालच में जुर्म की राह पर निकल पड़ी। जानें युवती की कहानी, उसकी जुबानी।
आप को बता देकि चिकित्सक के अपहरण के मामले में गिरफ्तार संध्या उर्फ मंगला महाराष्ट्र के गोंडिया की रहने वाली है। उसने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस को बताया कि उसकी १६ वर्ष पहले शादी हो चुकी है। पति और १४ वर्ष के बेटे के साथ वह भोपाल में रहती थी। वहीं धागा फैक्ट्री में काम करती थी। पति की एक वर्ष पहले हादसे में मौत हो गई। इसके बाद वह महाराष्ट्र में चली गई। भोपाल में उसके साथ मथुरा की एक महिला काम करती थी। वह उसकी सहेली थी। उसने काम दिलवाने के लिए संध्या को चार माह पहले मथुरा बुलाया। उसी महिला ने बदन सिंह से संध्या का परिचय कराया। बदन सिंह उसे काम दिलवाने के नाम पर आगरा ले आया। करीब एक माह पहले उसने सदर के नैनाना जाट में किराए पर घर लिया। तब से वह बदन सिंह के साथ यहीं रह रही थी। बदन सिंह ने उसे लालच दिया कि वह काम क्या करेगी? एक बार में ही उसे इतने पैसे दिलवा देगा कि जिंदगी आराम से बैठकर कट जाएगी। वह लालच में फंस गई और अपहरण की सूत्रधार बन गई। इधर गैंग भी ये मानकर चल रहा था कि ये युवती कमजोर कड़ी है, पकड़ी गई तो पुलिस पूछताछ में सब उगल देगी इसलिए काम पूरा होने के बाद युवती को रास्ते से हटाने की तैयारी थी। एक बदमाश, युवती को मारने के इरादे से ले जा रहा था। तभी पुलिस पहुंच गई। अब युवती को अपने किए पर पछतावा हो रहा है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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