बेटी ने पिता के चिता को दी मुखाग्नि

By: Khabre Aaj Bhi
May 11, 2021
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by :नवनीत मिश्र

संत कबीर नगर :बेटा ही कुल का दीपक होता है और बेटे के बिना चिता को मुखाग्नि कौन देगा यह बातें अब बीते जमाने की बात होती जा रही हैं। गत दिवस ऐसी ही पुरानी रूढ़ियां ओर परंपराएं उस समय टूटती नजर आईं जब एक बेटी ने पिता की चिता को न केवल मुखाग्नि दी अपितु अंतिम संस्कार की हर वो रस्में निभाएं जिसकी कल्पना एक पुत्र से की जाती है। जिले के नगर पंचायत मेंहदावल की रहने वाली एक बेटी ने पिता की मौत के बाद समस्त कर्मकांड का न सिर्फ निर्वहन किया, बल्कि पुरोहित के निर्देशन में पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान उपस्थित नगरवासियों की आंखे नम हो गईं। सभी में चर्चा थी कि बेटी अभिशाप नहीं वरदान हैं। सभी ने बेटी द्वारा निभाए गए इस फर्ज की मुक्तकण्ठ सराहना की और कहा कि यह उनके लिए एक सशक्त उदहारण है जो बेटी को किसी भी मामले में बेटों से कम समझते हैं।

 ज्ञात हो की नगर पंचायत मेंहदावल कस्बे के मुहल्ल ६ सानीकेवटलिया निवासी ५८ वर्षीय व्यवसायी अशोक कांदू की दो दिन पहले तबियत खराब हुई। उसके बाद लोग आनन-फानन चिकित्सक को दिखाए तो पता चला कि आक्सीजन लेवल कम हो रहा है और सांस लेने में दिक्कत है। तत्काल १०८ एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल ले जाया गया। जहाँ इलाज के दौरान रविवार की रात उनकी मृत्यु हो गई। सोमवार को शव घर पर पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजनों के साथ ही पड़ोसियों की आंखे भी नम हो गई। सबसे मार्मिक दृश्य तब उपस्थित हुआ जब मृतक व्यवसायी की इकलौती पुत्री 19 वर्षीय दीक्षा कांदू पिता की चिता को मुखाग्नि देने के लिए तैयार हुई। 

स्थानीय मुक्तिधाम पर पुत्री ने कर्मकांड के नियमों का पालन करते हुए पुरोहित के निर्देशन में पिंडदान किया। फिर बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी। तो सभी की आंखे नम हो गई। परिवार के प्रति सबकी संवेदना थी। वहीं लोग इस दुख की घडी में बेटी के हिम्मत व मुखाग्नि देने को लेकर यही कह रहे थे कि बेटियां किसी से कम नहीं।

बेटी का हाथ पीला करने का सपना रह गया अधूरा

मेंहदावल नगर पंचायत मेंहदावल के मुहल्ला सानीकेवटलिया निवासी ५८ वर्षीय व्यवसायी अशोक कांदू की अचानक मृत्यु के समाचार  से हर कोई स्तब्ध रह गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। १९ वर्षीय बेटी दीक्षा का पालन पोषण व्यवसायी ने बहुत ही अच्छे परिवेश में किया था। कभी भी बेटी के रहते बेटा न होने का गम उन्हें नहीं रहा। व्यवसायी को बेटी की शादी धूमधाम से करने का अरमान हमेशा से था। लेकिन उनका यह अरमान पूरा नहीं हो सका। जिसकी चर्चा नगर में पसरी है।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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