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जौनपुर :नगर क्षेत्र के अहमद खा मंडी में रह रहे अब्दुल्ला उर्फ बादल ने लॉकडाउन में बांटे गए सैनिटाइजर को यह समझ कर पी लिया कि उससे उसकी इहलीला खत्म हो जाएगी।
इसके पीछे का कारण उसका लाइलाज टीवी का रोग है यहां जिला अस्पताल में इलाज करा रहे अब्दुल्ला के भाई ने बताया कि उसके परिवार में इससे पहले भी ४ लोगों की जान टीबी रोग से जा चुकी है ।
वह अपने भाई का इलाज विगत कई महीनों से करा रहा है लेकिन जिला अस्पताल में लापरवाही का यह आलम है कि यहां पर ना उसको मुफ्त की दवाई मिलती हैं और ना ही उसका कोई खाता खोला गया हैं जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके।
एक तरफ तो जिले के सीएमओ जगह-जगह बड़े-बड़े बैनर लगाकर लोगों को टीबी के प्रति सजग कर रहे हैं और उसके इलाज पर होने वाले खर्च आदि की जानकारी दे रहे हैं लेकिन क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की पहुंच से दूर ये युवा आज सैनिटाइजर पीने पर मजबूर हो गया।
बहरहाल अभी उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है लेकिन ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर सरकारी दावे और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का अंजाम आखिर में यही होता है । सरकार दावे तो बड़ी-बड़ी करती हैं लेकिन उनके कारिंदे जमीन पर उसको अमल में लाने मे बहुत पीछे हो जाते हैं।
इस बाबत जिला क्षय रोगी अधिकारी डॉआर के सिंह ने बताया कि हमारे यहां जो आता है हम उसको भरपूर इलाज देते हैं लेकिन इसके बावजूद भी ऐसा क्या कारण है कि उक्त युवक को इलाज नहीं मिल पाया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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