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By जावेद बिन अली
प्रयागराज : महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अली हुसैन आसिम बिहारी बिहार में पैदा होकर बंगाल से बिहार ही नहीं पूरे भारत में लोगों को शिक्षा से जोड़कर ,अहिंसा के माध्यम से संघर्ष करने की जो कार्य किया था ऐसे कम लोग मिलते हैं! लेकिन अफसोस की बात यह है ऐसे व्यक्ति की बारे में जानने वाले कम लोग हैं।
पैगाम ए दिल ब्यूरो चीफ प्रयागराज द्वारा ६ दिसंबर को मौलवी हाशिम अली हुसैन बिहारी जी का वफात का दिन शहर के सम्मानित लोगों ने खरा जे ए अकीदत पेश करने के लिए जमा हुए, बक्सी बाजार स्थित हाजी कमरुद्दीन अंसारी के आवास पर आयोजन किया गया। जहां पर उनका इंतकाल हुआ था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी इलाहाबाद शालिया रसीद विभाग अध्यक्ष फारसी अपने संबोधन में मौलवी आशिम बिहारी की पूरी जानकारी दिया । आशिम बिहारी बिहार के रहने वाले कोलकाता में उन्होंने उर्दू में एक अपना न्यूज़पेपर निकाला । आगे बढ़ते गए गांधी जी का साथ मिला ढाका से पेशावर तक गांधी जी के साथ मंच साझा किया ।
उन्होंने यह भी कहा कि आशिम बिहारी ने ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस संगठन के जरिए बहुत काम किए इसके माध्यम से तमाम मुसलमानों को एक साथ लाने का उनका खास मकसद था
जय इस्लाम का पहला मूल रूप मंत्र है जिसने लाइलाहा इलल्लाह मुहम्मद रासउलउल्लाह पढ़ लिया एक दूसरे का भाई हो गया।
इस अवसर पर ल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष याकूब अंसारी ने कहा उनके बताए हुए रास्ते पर आगे चलते रहेंगे क्योंकि उनकी मजार भी इलाहाबाद अटाला कब्रस्तान पर है। खुर्शीद आलम ने भी मौलवी आशिम साहेब को एक नेक इंसान बतायाl उन्हें शिक्षा के प्रति बहुत लगाव था।
इस अवसर पर मुख्य मुख्य रूप से हकीम रा सादुल उल इस्लाम, हाजी एहसान उल्लाह अंसारी, गयासुद्दीन अंसारी ,मोहम्मद अब्दुल्ला, शमीम अंसारी , इंजीनियर मिनहाजुद्दीन अंसारी, उबैदअंसारी आदि उपस्थित थे ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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