महात्मा गांधी के प्राण रक्षक बत्तख मियां अंसारी उच्च जाति के ना होने के कारण उनको वह मुकाम नहीं मिला जो मिलना चाहिए : रघु ठाकुर

By: Khabre Aaj Bhi
Nov 16, 2020
731


By,जावेद बिन अली 

मध्यप्रदेश भोपाल : महात्मा गांधी के प्राण रक्षक बत्तख मियां अंसारी उच्च जाति के नहीं होने के कारण ;भारत ने वह सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था !किसी की हत्या करने वाले को भारत का बच्चा-बच्चा जानता है।  और जिसने महात्मा गांधी की जान बचाई उसे मात्र इतिहास के पन्नों में दर्ज करके रख दिया गया । क्या इससे बढ़कर अपमान होगा । अगर गांधी जी की जहर से हत्या हो गई होती तो आजादी का दूसरा रुप होता। उपरोक्त बातें मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महान चिंतक और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष रघु ठाकुर ने पुस्तक विमोचन के बाद संबोधन करते हुए कहीं। 

आज रविवार दिनांक १५ नवम्बर २०२० ( दोपहर १:३० बजे ) शहर की सामाजिक , साहित्यिक,सांस्कृतिक संस्था,शेरी,अकादमी के जेरे एहतमाम ' उसिया रिसॉर्ट्स ' क्वीन्स होम , ( कोहेफ़िज़ा ) अहमदाबाद पैलेस रोड,भोपाल के प्रांगण में गांधी जी के प्राणरक्षक बतख मियाँ अंसारी के जीवन पर आधारित एम.डब्ल्यू . अंसारी ( IPS ) से.नि. डी.जी.पी. छ.ग. द्वारा संकलित पुस्तक बतख़ मियाँ अंसारी की अनोखी कहानी ' जो कि उर्दू रस्मुलखत में हाली पब्लिशिंग हाउस ' , दिल्ली से प्रकाशित हुई है की रस्मे - इजरा ( विमोचन ) मुख्य अतिथि रघु ठाकुर,अध्यक्ष लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी एवं महान चिंतक , और विशिष्ट अतिथिगण एडवोकेट यासीन मोमिन,प्रसिद्ध समाजसेवी,भिवंडी,महाराष्ट्र , डॉ . महताब आलम करेस्पॉडेंट न्यूज -१८ उर्दू , सेमाही,रिसाला - ए - इंसानियत के मुदीरे - आला हाजी मक़बूल,वाजिद,के हाथों अमल में आया । 


इस मौके पर किताब के मुरत्तिब एम.डब्ल्यू . अंसारी ने मुजाहिदे-आज़ादी जनाब बत्तख मियां अंसारी की शख्सियत पर रौशनी डालते हुए कहा कि सन् १९१७ में जब महात्मा गांधी चम्पारन ( बिहार ) के मोतीहार जिले में अंग्रेजों द्वारा किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवाने के विरुध्द अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे तो किसानों की एक बहुत बड़ी भीड़ मोतीहारी रेल्वे स्टेशन पर बापू के स्वागत में उमड़ पड़ी । जिससे अंग्रेज प्रशासक तंत्र हिल उठा और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर जुल्मो - सितम ढाने के लिए कुख्यात अंग्रेज प्रशासक इर्विन ने गांधी जी कोअपने बंगले पर दावत में बुलाकर उनकी जान लेने का षडयंत्र रचा । इसके लिए उसने अपने विश्वासपात्र खानासामा ( रसोईया ) बतख मियाँ अंसारी को अपना राजदाँ बनाते हुए गांधी जी के दूध में जहर मिलाकर पेश करने के लिए आदेशित किया ।

जब बतख मियाँ ने इस कृत्य के लिए आना कानी की तो फिर उनका वेतन बढ़ाने , मकान देने और कृषि भूमि आवंटित करने का प्रलोभन दिया । मगर बतख मियाँ सच्चे देश भक्त मुसलमान थे । वह टस से मस नहीं हुये तो अंग्रेजों ने डरा धमकाकर दूध में जहर मिलाकर गांधी जी को पेश करने के लिए दबाव बनाया। जब गांधी जी वरिष्ठ वकील और आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद के साथ इर्विन के बंगले पर पहुँचे तो बतख मियाँ ने गांधी जी के समक्ष दूध में जहर मिला ग्लास पेश करने से पहले ही बापू को सचेत कर दिया । 

बतख मियाँ अंसारी की इस दिलेरी और देशभक्ति के कारण गांधी जी की जान बच गई । जिससे अंग्रेज अफसर सख्त नाराज होकर बतख मियाँ को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डाल दिया और उनको नौकरी से अलग कर उनके पैतृक गाँव सिस्वा अजगरी से भी निष्कासित कर उनका घर नीलाम कर दियाl बतख़ मियाँ पर चलाये गये मुक़दमे में जुर्म साबित नहीं होने के कारण उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया और वह सपरिवार चम्पारन के किसी अन्य गाँव में गुमनामी में पड़े - पड़े १९५७ में इतेक़ाल कर गये।आज भी उनका परिवार रोजी - रोटी की तलाश में दरबदर मार - मार फिरता है । भारत सरकार एंव बिहार सरकार से मैं अपील करूँगा की बतख मियाँ के वारिश को पुनर्वास करके उनके गाँव में कोई स्कूल,कॉलेज एवं अस्पताल कायम करें । 


विशिष्ट अतिथि एडवोकेट यासीन मोमिन,प्रसिद्ध समाज सेवी,भिवंडी ( महाराष्ट्र ) के बतख मियाँ अंसारी को मर्दे मुजाहिद के लकब से याद करते हुए उनके अजीम कारनामे पर भरपूर रौशनी डालते हुए उन्हें ख़िराजे-अक़ीदत पेश किया तो न्यूज -१८ उर्दू के प्रिंस्पिल करेस्पॉडेंट डॉ॰महताब आलम ने बतख मियाँ को जंगे-आज़ादी के रूहरवाँ महात्मा गांधी जी का प्राण रक्षक बताते हुए उन्हें मुजाहिदे-आज़ादी बताया। प्रोग्राम के मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष रघु ठाकुर जी ( अध्यक्ष लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी एवं महान चिंतक ) ने एम.डब्ल्यू,अंसारी ( IPS ) द्वारा संकलित किताब बतख़ मियाँ अंसारी की अनोखी कहानी, पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए इसे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक बड़ा इज़ाफ़ा करार दियाl साथ ही साथ स्वतंत्रता सेनानी बतख मियाँ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रकाश डालते हुए उन्हें अपनी सादर श्रद्धांजलि पेश किया।

इस अवसर पर सभी उपस्थित श्रोताओं को दीपावली की मुबारकबाद भी दिया । कार्यक्रम के संचालक डॉ॰अंजुम,बाराबंकवी ने बतख़ मियाँ के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि ऐसी अजीम शख्सियत की जीवनी और योगदान को पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाना चाहिए । प्रोग्राम के अंत में,शेरी,अकादमी के महासचिव मक़बूल'वाजिद'ने सभी पत्रकारों,मेहमानों एवं हाज़िरीन का शुक्रिया अदा कियाl


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?