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फ़िल्म सिटी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्णय सराहनीय
शिक्षित बेरोजगारों का पलायन रोकने के लिए भी सरकार को उठाने चाहिए जरूरी कदम
By: शिवप्रसाद अग्रहरि
जौनपुर : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में सबसे खूबसूरत फ़िल्म सिटी बनाये जाने की घोषणा के बाद देश के सियासी गलियारों में जहां हलचलें तेज हो गई है वही अब बॉलीवुड भी दो भागों में बंट गया है।बता दें कि फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।क्योंकि वह महज 34 साल की उम्र में काफी उचाई हासिल कर लिए थे।जैसा कि मामले की जांच के बाद मुम्बई पुलिस ने आत्महत्या बताया था।जिस पर परिजनों ने ठीक से जांच न करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग किया था।उनकी मांग पर आज मामले की जांच प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई,ईडी व एनसीबी कर रही है।
जिसमें पूछताछ के आधार पर ड्रग्स मामले में बॉलीबुड के कुछ लोग जेल में है और जांच अधिकारियों द्वारा क्रम वाइज ड्रग्स को लेकर पूछताछ में खुलासे के बाबत बॉलीबुड जगत से जुड़े जाने माने अभिनेत्रियों व अभिनेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।जिससे इस समय मुम्बई के बॉलीवुड जगत व महाराष्ट्र की सियासत में एक तूफान सा आ गया है क्योंकि इसमें बॉलीबुड के अलावा कुछ सफेदपोश नेताओ के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।इसी घमासान के बीच उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में देश का सबसे खूबसूरत फ़िल्म सिटी बनाने का ऐलान कर दिया है।
उनके इस ऐलान के बाद बॉलीबुड के कुछ निर्माता निर्देशक व कलाकारों ने प्रसन्नता जताई है व योगी जी के प्रति कुछ लोगों ने आभार व्यक्त किया है।बता दें कि यह घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब महाराष्ट्र में सुशांत सिंह प्रकरण को लेकर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी ने बॉलीबुड के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है और उन्ही के आधार पर क्रम वाइज मामले की जांच करते हुए अन्य आरोपियों की तलाश में है।इधर यूपी में सरकार फ़िल्म सिटी बनाने की घोषणा के बाद आला अधिकारी हरकत में है।ज्ञातव्य हो कि विगत दिनों लखनऊ में मुख्यमंत्री द्वारा फ़िल्म निर्माता निर्देशक के साथ बैठक भी की गई है।वैसे यूपी में अगर फ़िल्म सिटी बनता है तो इससे काफी लोगों को जहा रोजगार मिलेगा वही दूसरी तरफ प्रतिभाशाली लोगों को अपने हुनर को निखारने का मौका भी मिलेगा।हालांकि प्रदेश में फ़िल्म सिटी बनाने की मांग पहले भी उठती रही है, जो नही बन सकी।आज सूबे में फिल्मसिटी बनाने का जो उदघोष वर्तमान भाजपा सरकार ने किया है यह एक सराहनीय पहल है।
इससे हिंदी भाषी फिल्मों व भोजपुरी फिल्मों को भी तरजीह मिलेंगी।इसके अलावा सरकार को रोजगार ढांचे को सुधारने के लिए इंडस्ट्रीज के भी बारे में भी विचार करना चाहिए।आज यूपी में बेरोजगारी भी कही ज्यादा है।कितने तो शिक्षित बेरोजगार ऐसे होंगे जिनकी सरकारी नौकरी की आस में उम्र सीमा भी तय मापदंडों को पार कर गई।इसके अलावा अधिकांश ऐसे भी लोग है जो देश-परदेश जाकर प्राइवेट कंपनियों व विभिन्न संस्थानों में जॉब कर रहे हैं।उत्तरप्रदेश में बेरोजगारों के लिए कंपनियों व फैक्टरियों का न होना भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।कितनी सरकारें आई और चली गई लेकिन किसी भी सरकारों ने उन बेरोजगारों का दर्द नही जाना जो आज विभिन्न परिस्थितियों को झेलते हुए मुम्बई,दिल्ली,पंजाब,गुजरात,कोलकाता आदि महानगरों में अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं।जो कुछ गिने चुने उद्योग कंपनियां चल भी रही है उसमें भी तमाम तरह की खामियां हैं कभी कर्मचारियों की छटनी हो जाती है तो कभी बिजली के अभाव में प्लांट बंद कर दिए जाते है तो कही बैंकों की आर्थिक मदद की दरकार में कंपनियों का कार्य ठप्प हो जाता है।जिस पर उत्तरप्रदेश सरकार को ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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