जौनपुर जिला अस्पताल का एक रूप यह भी जहा अपना नम्बर लगाने के लिए करना पड़ता हैं किसी के मरने का इन्तज़ार

By: Riyazul
Sep 24, 2020
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जौनपुर :  जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट भले ही स्थापित कर दी गई हो लेकिन इसका लाभ आसानी से हर जरूरतमंद को नहीं मिल पा रहा है। महीनों की वेंटिंग चल रही है। लगभग सौ से अधिक लोग ऐसे हैं, जो नंबर लगाने के बाद बारी की प्रतीक्षा में है। यूनिट की क्षमता से अधिक मरीज पहले से ही इलाज करा रहे हैं। ऐसे में नए मरीज को तभी मौका मिलेगा जब किसी नियमित मरीज की डायलिसिस बंद हो। डायलिसिस की महंगी सेवा मरीजों को मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए जून 2018 में जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट स्थापित की गई थी। वाराणसी की संस्था हेरिटेज इसका संचालन करती है। इस यूनिट में 11 मशीनें लगी हैं। एक मशीन हेपेटाइटिस-सी के मरीज के लिए आरक्षित है। अन्य दस मशीनों से रोजाना 30 मरीजों की डायलिसिस हो पाती है। एक मरीज की डायलिसिस में साढ़े तीन से चार घंटे का वक्त लगता है। पूरे दिन में एक मशीन से सिर्फ तीन मरीजों की डायलिसिस हो पाती है। 60 मरीज ऐसे हैं, जिनकी नियमित डायलिसिस हो रही है। इसके अलावा भी ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जिनकी कुछ दिनों के अंतराल पर नियमित डायलिसिस होती है। ऐसे में नए मरीजों को तभी मौका मिल सकता है जब कोई मरीज कहीं और इलाज कराने जाए,या वो मर गया हो ।

इमरजेंसी सेवा पाने के लिए कोई सुविधा नहीं है। 110 मरीज प्रतीक्षा सूची में

 जौनपुर जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस सेंटर में 110 नए मरीजों पंजीकरण कराये है और सब प्रतीक्षा सूची में हैं। इनमें से बहुत से तो निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराने को मजबूर हैं। मगर वहां ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं। गिरधरपुर गांव निवासी नसीम ने बताया कि वे भाई की डायलिसिस के लिए छ माह से इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल उसकी डायलिसिस फूलपुर आजमगढ़ में करानी पड़ती है।शहर के नखास निवासी रामजी जायसवाल का कहना है कि उन्हें पत्नी का डायलिसिस कराना था। पंजीकरण करवा रखा है। अभी नंबर नहीं आया है। पत्नी का इलाज पीजीआई में करा रहे हैं। ---- जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा मिलने से बेटे के इलाज में काफी राहत मिली है। निजी अस्पताल में साढ़े तीन से चार हजार रुपये हर बार में देना पड़ता है। पंजीकरण पहले से कराया था। नंबर आने के बाद डायलिसिस की सुविधा जिला अस्पताल में मिल रही है। -विमल कान्त सिंह, चांदपुर सिकरारा  --- बहन का डायलिसिस कराना था। शुरू में काफी परेशानी उठानी पड़ी, लेकिन जिला अस्पताल में पंजीकरण करा रखा था। नंबर आने के बाद डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। कई बार निजी अस्पताल में डायलिसिस करानी पड़ी थी, जिसमें ज्यादा रुपये खर्च हो गए। अब नंबर लग जाने के बाद काफी राहत है।  उमैर अरन शाहगंज  जौनपुर 


डायलिसिस सेंटर पर 60 लोगों का एक-एक दिन के नियमित अंतराल पर डायलिसिस चल रहा है। अभी 110 मरीज डायलिसिस के लिए वेंटिंग में हैं। जिन लोगों का पंजीकरण हुआ है, नंबर आने पर उन्हें फोन करके बुलाया जाया है। नियमित रूप से डायलिसिस कराने वाले मरीजों का ही पंजीकरण किया जाता है। -शिवान्श श्रीवास्तव, प्रबंधक डायलिसिस सेंटर, जिला अस्पताल जौनपुर


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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