To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
उत्तर प्रदेश : जौनपुर जिला अस्पताल में सीरियस मरीजों के लिए 108 एंबुलेंस पर कॉल कर के परिजन परेशान है । लेकिन सरकारी एंबुलेंस समय पर उपलब्ध ना होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों दोनों की हालत दुर्बल हो गई है। जिला अस्पताल में एक महिला जो महाराष्ट्र के सलारपुर की रहने वाली सरोज गिरी एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल एक बच्चे को लेकर आई लेकिन जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसका बच्चा वार्ड में ही सीरियस हो गया वह अपने बच्चे को रेफर करा कर एंबुलेंस के लिए भटकती रही लेकिन उसे सरकारी एंबुलेंस मुहैया नहीं होने पर उसने प्राइवेट साधन से अपने बच्चे को अन्यत्र बेहतर इलाज के लिए भेजना चाहा लेकिन इस भाग दौड़ में उसका बच्चा काल के गाल में समा गया।
वहीं जिला अस्पताल परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस के लिए मना ही होने से मरीज व उनके परिजन खासे से परिजन परेशान नजर आ रहे हैं।
आजमगढ़ से आई एक महिला के परिजन ने जब 108 पर कॉल किया तो उसे जवाब मिला कि एंबुलेंस कोविड-19 में लगी हुई है तो वह बाहर खड़ी एक प्राइवेट एंबुलेंस को बुला लाया लेकिन जब इस पर नजर सी एम एस डा ए के शर्मा के पड़ी तो उन्होंने पुलिस को बुलाकर एंबुलेंस को पुलिस को सौंप दिया इसको लेकर के एंबुलेंस एसोसिएशन मे खासा रोष व्याप्त है।एंबुलेंस मालिक मंगल ने बताया कि परिजन के कहने पर सीरियस मरीज को लेने के लिए एंबुलेंस अंदर गई थी अगर सरकारी एंबुलेंस सही समय पर आ जाए तो हम को लोग बुलाए ही क्यों।
वही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके शर्मा का कहना है कि एंबुलेंस की कमी नहीं है कॉल करने पर डिटेल मांगी जाती है उसके बाद एंबुलेंस आने में ज्यादा देर नहीं लगती लेकिन मरीज और उनके परिजन जल्दबाजी में प्राइवेट एंबुलेंस को बुला लेते हैं जो सही नहीं है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers