स्वास्थ्य विभाग : जननी सुरक्षा योजना के नाम पर हो रही लूट, जिले के जिम्मेदार बने बेखबर

By: Khabre Aaj Bhi
Aug 21, 2020
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स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी से लेकर गांव में तैनात आशा व एएनएम तक लाभार्थियों को लाभ दिलाने के नाम पर ले रही है सुविधा शुल्क जिले के सुइथाकलां पीएससी केंद्र पर विगत मंगलवार को सुविधा शुल्क को लेकर एक हिंदी दैनिक पत्रकार के साथ कर्मचारियों ने की थी अभद्रता, मामले की शिकायत पर जिले के सीएमओ ने जांच कर कार्रवाई का दिया आश्वासन

रिपोर्ट : शिवप्रसाद अग्रहरि

जौनपुर : केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर इस समय भ्रष्टाचार का घुन लग चुका है।जबकि विभाग में उच्च पदों पर बैठे जिम्मेदार विभागीय कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से या तो अनभिज्ञ है या फिर अपना हिस्सा लेकर बगल हो जाते है।

बता दें कि जिले के स्वास्थ्य महकमों में इन दिनों बगैर पैसे के काम नहीं किया जाता।अगर किया भी जाता है तो पात्र व्यक्ति को इतना दौड़ाया जाता है कि वह सामने से कुछ सुविधा शुल्क देने के लिए मजबूर हो जाय। ऐसा ही एक मामला है जौनपुर जिले के सुइथाकलां ब्लॉक स्थित पीएससी केंद्र का।जहां के कर्मचारियों द्वारा जननी सुरक्षा योजना का फार्म भरवाने के नाम पर लाभार्थियों से आशा कार्यकत्री के द्वारा लिया जा रहा था। जबकि  इस योजना के तहत कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।यह एकदम निःशुल्क है।यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक हिंदी दैनिक पत्रकार की पत्नी की डिलीवरी के बाद जननी सुरक्षा योजना के नाम पर सुइथाकला ब्लॉक अंतर्गत स्थित ग्रामसभा जंगीपुर की आशा कार्यकत्री प्रेमा देवी ने उनसे उक्त योजना का लाभ दिलाने के लिए सुविधा शुल्क के तौर पर ५०० रुपया की मांग की। जिसकी जानकारी हेतु विगत मंगलवार को पत्रकार अपनी पत्नी व छह माह के बच्चे के साथ सुइथाकला स्थित पीएससी केंद्र पहुंचकर वहां पर उपस्थित कर्मचारियों से जननी सुरक्षा योजना फार्म भरवाने के नाम पर गांव की आशा द्वारा 500 रुपया सुविधा शुल्क लेने की बात बताई,  पहले तो स्टाफ द्वारा इसे खारिज किया गया।

बता दें कि उक्त लाभार्थी महिला का जंगीपुर ग्रामसभा में मायका है।जहाँ पर गर्भावस्था के दौरान एएनएम चंद्रावती देवी व आशा कार्यकत्री द्वारा उक्त महिला को पहला टीका लगाया गया था।और डिलीवरी सदर अस्पताल जौनपुर में हुई थी।जबकि बच्चा भी इस समय छह माह का हो गया है।लेकिन स्वास्थ्य विभाग में बैठे भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से अभी तक उक्त महिला को जननी सुरक्षा योजना का लाभ नही मिल सका। 

बाद में वहां पर मौजूद ४-५ की संख्या में आशा कार्यकत्रियों से जब उक्त सुविधा शुल्क के बारे में पूछा गया तो उसने भी 500 रुपया ख़र्चा बर्चा के नाम पर लेने की बात स्वीकार की।जब उक्त पत्रकार ने उन लोगों का समाचार कवर करना चाहा तो पूरे स्टाफ में खलबली मच गई।इसके बाद वहां पर मौजूद स्टाफ द्वारा बातचीत के बहाने उक्त पत्रकार को एक रूम में ले जाकर रूम में बंद कर उसे समूचे स्टाफ द्वारा मिलकर डराया धमकाया गया और साथ ही यह भी कहा गया कि आपके जैसे बहुत पत्रकार यहां आते जाते है।जो कुछ वीडियो बनाये हो उसे डिलीट कर दो।लेकिन पत्रकार ने उक्त प्रकरण की शिकायत ऊपर करने की बात कहकर उसे डिलीट करने से मना कर दिया।दरवाजा बंद देख पत्नी के शोर मचाने पर दरवाजा खोला गया।इस मामले की शिकायत पीड़ित पत्रकार द्वारा जिले के जिलाधिकारी महोदय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखित रूप से करते हुए मांग किया।मौके पर मौजूद सीएमओ डॉ. राकेश कुमार ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।और जननी सुरक्षा योजना में किसी तरह का शुल्क नहीं लगने की बात कही है।

उक्त पत्रकार का आरोप है कि जननी सुरक्षा योजना के तहत अगर विभाग का भ्रष्टाचार इसी तरह से चलता रहा तो भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद होंगे।उन्होंने जिले के स्वास्थ्य महकमे पर विभागीय अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्भाग्य तो इस बात का है कि जिले में लगभग हर स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का आर्थिक व शारीरिक शोषण किया जा रहा है।लेकिन इस बात से हमारे जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी साहब अनजान बने है।


विडंबना इस बात की है कि सरकार एक तरफ लोगों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने व बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की बात करती है।जबकि सच्चाई तो यह है कि जिला अस्पताल में भी व्यवस्था डांवाडोल है।यहां पर भी भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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