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उमर के इमान लाने के बाद बुलंद हुआ नारा अल्लाह हो अकबर-मौलाना आफाक
जौनपुर: इस्लाम के पहले महीने मोहर्रम के 2 तारीख को खुलफाये राशेदिन मे दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूख रजी को दीन के लिए शहीद कर दिया गया था। उन्हीं का शहादत दिवस आज बाद नमाज ईशा शाही अटाला मस्जिद के शहन में सहाबा सीरत कमेटी के बैनर तले मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम के संयोजक मजहर आसिफ एवं अनवारूल हक गुड्डू संयुक्त रूप से कर रहे थे ।
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज मो साकिब ने कलाम ए पाक की तिलावत से की इसके बाद कारी जिया एवं अजीम जौनपुरी एवं दीगर नातख्वा ने नाते पाक पेश कर कार्यक्रम में समा बांधा इस मौके पर अपनी तकरीर में मौलाना आफाक ने बताया कि हजरत उमर फारूक रजी एक ऐसे खलीफा गुजरे हैं जिनके दौरे खिलाफत में इस्लाम मजबूत हुआ उन्होंने अरब सहित बैतूल मुकद्दस और यूनान तक अपनी बादशाहत कायम की थी उनके दौरे बादशाहत में कोई भी भूखा नहीं सोता था वह अदल व इंसाफ के लिए पुरी दुनिया में मशहूर हैं दो मुहर्रम को फजिर की नमाज के वक्त अबुलूल मजूसी नामक व्यक्ति ने धोखे से उनका कत्ल कर डाला था। मौलाना आफाक ने बताया कि इस्लाम में नारा ए तकबीर अल्लाह हू अकबर हजरत उमर के ईमान लाने के बाद बुलंद हुआ कार्यक्रम का संचालन नेयाज ताहिर शेखू ने किया
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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