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14 साल की पत्नी से बलात्कार करने आरोप में जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी उसे अदालत ने यह कहते हुए बरी कर दिया कि वह मुस्लिम है। अदालत ने कहा कि इस बात को अंदेखा नहीं किया जा सकता कि पीड़िता मुस्लिम है और इस्लामिक कानून के हिसाब से उसने बालिग होने की उम्र (14 साल) पार कर चुकी है। इतना ही नहीं पीड़िता की शादी आरोपी शख्स से तब हुई थी जब वह 14 साल की हो चुकी थी जो कि मुस्लिम लॉ के हिसाब से जायज है। पिता ने दर्ज कराई थी गुमसुदगी की रिपोर्ट- खबर के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 2013 में अपनी बेटी की गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पिता ने आशंका जताई थी कि पड़ोस में रहने वाले शख्स ने ही उसकी बेटी का अपहरण कर लिया है। पिता ने शिकायत में बताया था कि उनकी बेटी की उम्र 17 साल से कम है। लेकिन अदालत ने सुनवाई में पाया कि पिता की ओर से शिकायत देने के कुछ दिन बाद ही पीड़िता आरोपी शख्स को लेकर थाने पहुंची और पुलिस को बताया था कि वह अपनी मर्जी से घर से गई है और अब दोनों शादी कर चुके हैं। दोनों पुलिस को शादी की फोटो भी दिखाई थी। इसके बाद पुलिस लड़की का मेडिकल टेस्ट कराना चाहा तो उसे ऐसा कराने से मना कर दिया। पुलिस ने लड़की को एक बालिका आश्रय ग्रह भेज दिया था। अदालत ने यह भी पाया कि लड़की ने कई बार पुलिस को बयान दिया लेकिन उसके बयानों में काफी ज्यादा विरोधाभाषी थी। लड़की की शादी की बात सामने आने पर उसके पिता ने लड़की का अपहरण, नशा देकर बलात्कार करने जैसी कई धाराओं में मामला दर्ज कराया था। अदालत ने माना कि शादी के लिए लड़की को जब दिल्ली से जम्मू ले जाया गया तो उसने रास्ते में इसका एक भी विरोध नहीं किया था और न ही किसी को मदद के लिए आवाज लगाई जो कि दर्शाता है कि वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी। चूंकि मुस्लिम लॉ के अनुसार लड़की 14 साल की हो चुकी थी इसलिए उसे बालिग माना जाएगा।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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