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मुंबई : कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट के श्री उदय सुरेश भाई ठक्कर ने कहा नई दिल्ली भारत की गेहूं खरीद में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि 2025-26 सीजन में अब तक 22.36 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है जिसका लक्ष्य २। मीट्रिक टन है। वहीं मजबूत एमएसपी, बोनस और फसल उत्पादन में वृद्धि से सरकारी एजेंसियों की बिक्री में वृद्धि हुई है जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और खुले बाजार में हस्तक्षेप की संभावना बनी हुई है।
दरअसल गेहूं प्रसंस्करण उद्योग की तरफ से चालू वर्ष में गेहूं उत्पादन 110 मीट्रिक टन रहने का अनुमान लगाया है। वहीं पिछले वर्ष यह 105-106 नीट्रिक टन था। वहीं अगले कुछ सप्ताहों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार की गेहूं खरीद का लक्ष्य 31 मीट्रिक टन पूरा होने की उम्मीद है। वहीं एजेंसियों में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य सरकार निकायों ने 26 अप्रैल तक प्रमुख उत्पादक राज्यों में 22.36 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरोदा है जो कि पिछले त्रिपणन वर्ष की इसी अवधि के तहत खरोद की मात्रा से 34 प्रतिशत अधिक है। इसका अर्थ यह होगा कि केन्द्र सरकार के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण के लिए पर्याप्त अनाज होगा और वर्ष के अंत में खुले बाजार बिक्री योजना के तहत वाजार हस्तक्षेप कार्यक्रम चलाया जाएगा। वहीं चालू विपणन सत्र (अप्रैल-जून 2025-26) में अब तक गेहूं की खरीद समस्त 2025-26 सत्र में 26.6 मीट्रिक टन को खरीदा का 84 प्रतिशत है। यह देश की मंडियों में अब तक 29.7 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की आवक की तुलना में है। वहीं पिछले तीन वर्षों में गेहू की एमएसपो खरीद लक्ष्य से कन रही है। वहीं नवीनतम आंकड़ों के तहत पंजाब में गेहूं को खरीद देरी से शुरु होने के बावजूद अन्य सभी राज्यों से आगे निकल गई है और इस सीजन में 26 अप्रैल तक 8.38 मीट्रिक टन को पार कर गई है। वहीं पिछले विपणन सीजन की इसी अवधि में 6.85 मीट्रिक टन की खरीद हुई थी।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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