To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
By : तौसीफ़ गोया
आपातकाल के दौरान लम्बे समय तक रहे जेल की सलाखों के पीछे
राज्यसभा जाने के प्रस्ताव को नहीं किया स्वीकार
आजकल हैं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नयी दिल्ली के अध्यक्ष
ग़ाज़ीपुर शहर के एमएएच इंटर कॉलेज से हुई है इंटरमीडिएट की पढ़ाई
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि
ग़ाज़ीपुर : जनपद की मोहम्मदाबाद तहसील इलाक़े में स्थित भांवरकोल विकास खंड क्षेत्र के सोनाड़ी गांव के मूल निवासी, भारत के यशस्वी पत्रकार, स्तम्भकार, चर्चित लेखक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नयी दिल्ली के अध्यक्ष रामबहादुर राय को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय और अनुपम अवदानों हेतु 'पद्म भूषण' सम्मान देने की घोषणा की गई है. श्रद्धेय रामबहादुर राय सर को हार्दिक बधाई!
राम बहादुर राय भारत के दिग्गज वरिष्ठ हिन्दी पत्रकार हैं. वे हिन्दी दैनिक जनसत्ता के पूर्व समाचार संपादक हैं. उन्होंने कई पुस्तकों का प्रकाशन, लेखन और संपादन किया है. वे हिन्दी में लिखी गई कुछ प्रभावशाली आत्मकथाओं के लेखन के लिए जाने जाते हैं, जिसमें गांधीवादी समाजवादी आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी (जेबी कृपलानी) के जीवन और कार्यों पर आधारित शाश्वत विद्रोही राजनेता, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर रहबरी के सवाल और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पर मंज़िल से ज़्यादा सफ़र शामिल हैं. वे भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी और राजनीतिक नेता जयप्रकाश नारायण के क़रीबी सहयोगी थे और जेपी आंदोलन की संचालन समिति का भी हिस्सा थे. रामबहादुर राय आपातकाल यानी इमर्जेंसी के दौर में गिरफ़्तार कर लिए गए और 16 महीने तक कारागार में निरुद्ध रहे.
जेल से छूटे तो सक्रिय राजनीति के बजाय पत्रकारिता का चयन किया. मालूम हो कि रामबहादुर राय की पैदाइश 01 जुलाई साल 1946 को ग़ाज़ीपुर ज़िले की मोहम्मदाबाद तहसील इलाक़े में स्थित भांवरकोल विकास खंड क्षेत्र के सोनाड़ी गांव में हुई थी. कक्षा पांचवीं तक की प्रारम्भिक शिक्षा पश्चिम बंगाल के मालदा से तथा कक्षा छह से आठवीं तक की शिक्षा उनके गांव के नज़दीक के गांव अवथहीं के पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई. फिर उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई शेर मोहम्मद नेशनल इंटर कॉलेज (एसएमएन इंटर कॉलेज) मच्छटी गांव से की. रामबहादुर राय की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई ग़ाज़ीपुर शहर के बरबरहना मोहल्ले में स्थित एमएएच इंटर कॉलेज से हुई, फिर उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने वाराणसी के डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया, जहां से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) विषय में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. राजस्थान विश्वविद्यालय से जन संचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी प्राप्त किया.
भारत की दिग्गज शख़्सियतों में शामिल यशस्वी व्यक्तित्व रामबहादुर राय ने अपनी पत्रकारिता करियर की शुरुआत हिंदुस्थान समाचार पत्र से की थी. वाराणसी से प्रकाशित हिन्दी दैनिक 'आज' के लिए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का प्रत्यक्षदर्शी विवरण लिखा. बाद कै दिनों में वे दिल्ली चले गए और हिन्दी दैनिक जनसत्ता के साथ पत्रकारिता करने लगे. जनसत्ता में उन्होंने ब्यूरो चीफ़ और समाचार संपादक के रूप में काम किया. कुछ समय के लिए उन्होंने नवभारत टाइम्स के लिए विशेष संवाददाता के रूप में भी काम किया. वर्तमान में वह हिंदुस्थान समाचार के समूह सम्पादक के रूप में काम कर रहे हैं.
वर्ष 2015 में भारत सरकार ने राम बहादुर राय को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) का अध्यक्ष नियुक्त किया. रामबहादुर राय वर्ष 1974 में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत जेल जाने वाले पहले व्यक्ति थे. यह अधिनियम 1973 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पारित किया गया था, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तानाशाही शक्तियां देता था और 1977 में जनता पार्टी सरकार द्वारा इसे निरस्त कर दिया गया था. तब रामबहादुर राय अट्ठारह महीने जेल में रहे. रामबहादुर राय जयप्रकाश नारायण आंदोलन की संचालन समिति के प्रमुख सदस्यों में से एक थे. 1974 के छात्र आंदोलन के दौरान रामबहादुर राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह रामबहादुर राय ही थे, जिनके नेतृत्व में कई संगठनों के छात्र नेताओं ने जयप्रकाश नारायण से भेंट की और उनसे आंदोलन का नेतृत्व करने का अनुरोध किया. हवाला रिश्वत कांड का खुलासा करने वाले राम बहादुर राय उन पहले पत्रकारों में से एक थे, जिन्होंने 1991 के हवाला रिश्वत कांड के बारे में हिंदी दैनिक जनसत्ता के साथ काम करते हुए रिपोर्ट की थी. उस समय लालकृष्ण आडवाणी, वीसी शुक्ला, पी. शिवशंकर, शरद यादव, बलराम जाखड़ और मदन लाल खुराना जैसे कई महत्वपूर्ण राजनेता इस सूची में शामिल थे. उनके इस खुलासे के बाद भारतीय राजनीति में सनसनी फैल गयी थी.
रामबहादुर राय की कृतियों में शाश्वत विद्रोही राजनेता आचार्य जेबी कृपलानी, भारतीय संविधान: अनकही कहानी (भारत के संविधान की अनकही कहानी), रहबरी के सवाल (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ साक्षात्कार), मंज़िल से ज़्यादा सफ़र, भारतीय संविधान आदि-आदि शामिल हैं. रामबहादुर राय को 2015 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. वह एकीकृत प्रतिभा विकास मिशन (आईटीडीएम) के संरक्षक के भी रहे हैं और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) नयी दिल्ली के अध्यक्ष हैं. रामबहादुर राय माधवराव सप्रे राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, माणिकचंद्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, भगवानदास पत्रकारिता पुरस्कार, सत्याग्रही सम्मान, जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार आदि से सम्मानित हैं.
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers