To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
जौनपुर : गंगा जमुनी तहजीब शिराजे हिंद कहा जाने वाला जौनपुर यूं तो औलियाओं,बुजुर्गों, ऋषि मुनियों की तपोभूमि रहा है, और समय-समय पर लगने वाले उर्स और मेलो में सभी समुदाय के लोग एक दूसरे के तीज त्यौहार में शरीक होते है ताकि सभी लोग अपनी अपनी आस्था के मुताबिक अपनी जरूरत की मन्नत इन बुजुर्गो ऋषि मुनि से मांग सके।
अपनी पुरानी रिवायत के अनुसार 11रजब यानी 23 जनवरी को जौनपुर शहर मे हजरत शेख अब्दुल रहीम शाह चिश्ती रहमतुल्ला अलैह और काजी सलाऊदीन खलील चिश्ती की दरगाह शरीफ पर उनका उर्स ए मुबारक अपनी पुरानी रिवायत के अनुरूप बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, सुबह गुश्ल पाक के साथ साथ पारंपरिक चादर व गागर भी उठी इसके बाद एक मिलाद शरीफ और नात व हम्द पढ़ने का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना कयामुद्दीन ने हजरत की सीरत पर एक बयान किया और बताया की हजरत चिश्तिया सिलसिले से समाज में फैली बुराइओं के लिए जौनपुर आए थे ,और एक समाज सुधारक के रूप में सादगी में रहकर यहां के लोगो को अच्छी शिक्षा से नवाजा,
कार्यक्रम का आगाज कारी हसीन जौनपुर ने तिलावत कलाम ए पाक से किया अपनी रिवायत के मुताबिक शाही ईदगाह मरहूम दरगाह खादिम अब्दुल गफूर साहब के पुश्तैनी मकान से मौजूदा गद्दीनशीन शेख अब्दुल जब्बार के सरपरस्ती में चादर उठी और गाजे बाजे के साथ मजार शरीफ पर पहुंची, वही शाम को विभिन्न आए हुए कव्वालों ने एक अलग ही शमा बांधी हज़रत शेख अब्दुल रहीम शाह चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की मजार पर जिले ही नहीं बल्कि दूर-दराज से भी जायरीन व प्रदेश भर से आए हुए अकीदतमंदों ने अपनी अपनी मुरादे मांगी ,जिनमे बच्चे बूढ़े और औरते मौजूद रही जिनका सारा इंतजाम दरगाह गद्दीनशीन शेख अब्दुल जब्बार और उनके सरपरस्ती मे इंतजामीया कमेटी ने किया।शेख मुन्ना चिश्ती, सबरे आलम ,निसार अहमद ,नजमें आलम ,सोनू चिश्ती, ताज मोहम्मद ,अजमें आलम ,जिशान हैदर ,साहिल, तालिब ,चिराग,अख्तर अली कारी असगर रजा,आसिफ ,प्रिस चाद बाबू,आदि मौजूद रहे।अंत में मुल्क में अमन व तरक्की के लिए दुआ कराई गई।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers