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लखनऊ : अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने राजस्थान में चुनावी सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किये गए उस दावे को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने यूपी में दंगाइयों को नर्क में भेज देने का दावा किया था।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी देश के अब तक के इतिहास के ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने मुंख्यमन्त्री बनते ही सबसे पहले अपने खिलाफ़ भड़काऊ भाषण देने और दो समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाने जैसे संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों में ख़ुद को ही क्लीन चिट दे दिया। अगर पिछली सरकारों ने ठीक से विधिक कार्यवाही की होती तो वो जेल में होते। पूर्व मुंख्यमन्त्री अखिलेश यादव जी ने तो 2 दिसंबर 2022 को रामपुर में चुनावी सभा में सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि वर्तमान मुंख्यमन्त्री जी की फाइल उनके सामने आई थी लेकिन उन्होंने अधिकारियों से उनके खिलाफ़ कार्यवाही को बन्द कर देने को कहा था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 22 सितंबर 2008 को कौशांबी के मोहब्बतपुर पइंसा थाने में थाना प्रभारी चंद्रशेखर प्रसाद द्वारा दर्ज किए गए मुकदमें में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर दुर्गा पूजा का फ़र्जी पैड छपवाकर अवैध वसूली करने का आरोप था। जिसमें मौर्य पर 420, 467 और 468 धारा के तहत मुकदमा कायम हुआ था। इस मुकदमें में उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में निर्दोष पाए जाने पर क्लीन चिट नहीं मिली बल्कि 2020 में योगी जी ने जनहित बताकर मुकदमा ही वापस ले लिया था। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी जी को मुंख्यमन्त्री रहते 6 साल हो गए लेकिन वो अपनी उपलब्धियों के नाम पर एक लाइन भी नहीं बोल पाते क्योंकि उनकी सरकार में जनहित का कोई काम ही नहीं हुआ है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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