अक्षय नवमी परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाई गई

By: Sivprkash Pandey
Nov 21, 2023
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गाजीपुर : सिद्धपीठ हथियाराम में मंगलवार को अक्षय नवमी परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाई गई। पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने वैदिक ब्राह्मणों और आगंतुक श्रद्धालुओं के साथ विधिवत आंवला वृक्ष की पूजा किया, तत्पश्चात आंवला वृक्ष के नीचे बने भोजन को श्रद्धालुओं ने प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। 

महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने अक्षय नवमी की महत्ता बताते हुए कहा कि पुराणों के अनुसार आंवला में मां धात्री का निवास है, वह अमृत की स्रोत हैं, इसलिए आंवला वृक्ष के नीचे भोजन पकाने से वह अमृतमय हो जाता है। साथ ही आयुर्वेदाचार्य चरक ने शारीरिक अवनति को रोकने वाले अवस्थास्थापक द्रव्यों में आंवला को सबसे प्रधान बताया है। 

कार्तिक मास की अक्षय नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से तथा उसके नीचे भोजन बनाकर ग्रहण करने और दूसरों को कराने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक मास में आवले से बनी वस्तुओं का सेवन व आवले के वृक्ष की सेवा अक्षय पुण्य प्रदाता मानी गई है। बताया कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। कार्तिक शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन से पूर्णिमा तक आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाने व ग्रहण करने की परंपरा है। सिद्धपीठ हथियाराम में यह परंपरा आज भी कायम है। इस दिन आंवले को खाना अमृत पीने के समान माना गया है। अक्षय नवमी को जप, दान, तर्पण, स्नानादि का अक्षय फल होता है। इस दौरान देवरहा बाबा बिरनो, डा. सानंद सिंह, रणजीत सिंह, डा. संतोष मिश्रा, राजकमल सिंह, झुन्ना सिंह, लौटू प्रजापति, अजीत सहित श्रद्धालु नर नारी मौजूद रहे।


Sivprkash Pandey

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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