संवैधानिक बेंचों के विरुद्ध जाने वाले हाई कोर्ट जजों के खिलाफ़ कार्यवाही ज़रूरी- शाहनवाज़ आलम

By: Khabre Aaj Bhi
Jul 05, 2023
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मणिपुर के मुख्य न्यायाधीश मुरलीधरन के खिलाफ़ कार्यवाही के लिए एससी के मुख्य न्यायाधीश को अल्पसंख्यक कांग्रेस ने भेजा ज्ञापन

लखनऊ : अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश व्यापी कार्यक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन भेजकर संवैधानिक बेंच के फैसले के विरुद्ध फैसला देने वाले मणिपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधरन के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। गौरतलब है कि मणिपुर में व्याप्त हिंसा 19 अप्रैल को एमवी मुरलीधरन द्वारा दिया फैसले के बाद ही शुरू हुई थी। जिसमें उन्होंने मैत्रेई समुदाय के एसटी का दर्जा देने की मांग पर राज्य सरकार से केंद्र को सुझाव देने का निर्देश दे दिया था। जबकि एसटी और एससी के वर्गीकरण का अधिकार राष्ट्रपति को है न की हाई कोर्ट को। 

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि प्रत्येक ज़िला मुख्यालय से ज्ञापन भेजकर न्यायपालिका के एक हिस्से द्वारा सत्ता के दबाव में राजनीतिक फैसले देने वाले जजों के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट से कार्यवाही की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि खुद सुप्रीम कोर्ट ने भी मणिपुर हाई कोर्ट के इस फैसले को तथ्यात्मक तौर पर पूरी तरह गलत बताते हुए पिछले दिनों टिप्पणी की थी कि 'जब हाई कोर्ट के जज संवैधानिक बेंच के फैसलों को नहीं मानेंगे तो हमें पता है कि हमें क्या करना है'। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मणिपुर में हो रही जातीय हिंसा जिसमें सौ से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है की वजह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधरन का यह फैसला था। जो संघ और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को सूट करती थी। इस फैसले ने मणिपुर के आदिवासियों और हिंदू समुदाय में नफरत की खायी गहरी कर दी है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार जो काम ख़ुद नहीं कर पाती है उसे वो न्यायपालिका के एक हिस्से के सहयोग से करती रही है। जिससे देश की एकता और अखंडता को तो खतरा उत्पन्न हो ही रहा है न्यायपालिका की विश्वसनीयता भी संदिग्ध होती जा रही है।




Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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