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काशी में पहली बार हुई इस अवॉर्ड की शुरुवात– अबू हासिम मानव रक्त फाउंडेशन
वाराणसी : मानव रक्त फ़ाउंडेशन की तरफ़ से कचहरी स्थित एक बनारस के मशहूर शायर अजफर बनारसी की 41वीं शादी की सालगिरह के अवसर पर पैगाम-ए-मोहब्बत के उनवान से एक मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें चार संस्थाओं के वरिष्ठ समाजसेवियों को काशी रक्तवीर अवार्ड से भी अलंकित किया गया जिसमें फ़ादर आनंद (विश्व ज्योती जनसंचार समिति ),मास्टर नंदलाल (लोक समिति )हाजी इश्तियाक़ (सरसैयद सोसाइटी ), मीरा मसीह (मिड इंडिया) को अवार्ड से नवाज़ा गया जिसकी अध्यक्षता प्रोफ़ेसर डॉक्टर अहसान हसन उर्दू डिपार्टमेंट BHU ने किया
मुख्यातिथि प्रोफ़ेसर डॉक्टर कमालुद्दीन शेख़ डीएवी पीजी कॉलेज विशेष अतिथि डॉक्टर अरुण कुमार श्रीवास्तव , डॉक्टर ज़फ़रउल्लाह ज़फ़र, भारत भूषण सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र चरण, प्रोफ़ेसर आरिफ़ मोहम्मद ख़ान,संस्था के ट्रस्टी अतुल जय, नायब अबुल हसन, एडवोकेट नुरूल्लाह ,वफ़ा अंसारी,मनीष शर्मा मौजूद रहें | मुख्य शायर व कविगण हाफ़िज़ अहमद आज़मी,आयुष कश्यप,शमीम ग़ाज़ीपुरी,डॉक्टर नशिमा निशा, कुवर सिंह कुंवर ,जमजम रामनगरी ,राज बनारसी ,जुनैद कबीर ,शिवांशु सिंह,कावीश बनारसी ,रौशन मुग़लसराय, इरफ़ान मिर्ज़ापूरी,अबीद,ख़लील राहीं ।
संस्था के अध्यक्ष अबू हाशिम ने कहा इस कार्यक्रम का आयोजन उस समय हो रहा है जब समाज के अंदर ज़हर घोलने वाले भाषण आते हैं जो हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई को आपस में अलग - अलग करते हैं साझा विरासत को जो नुक़सान पहुँचाते हैं इसी को जोड़ने के लिए पैगाम-ए-मोहब्बत का जो संदेश है व जन - जन तक पहुँचे हमारी जो कम्पोजिट कल्चर का जो हमारा कॉन्सेप्ट है वो हम लोग उसकी हिफ़ाज़त करें और इस कार्यक्रम से या भी संदेश जाता है कि शायर भी अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के अंदर हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई को जोड़ने का काम करते हैं वही संस्था के महासचिव एडवोकेट अब्दुल्लाह बिन का ग़फ़्फ़ार ने कार्यक्रम का संचालन किया और यह भी कहा कि आज का दिन मानव रक्त फ़ाउंडेशन के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज के दिन काशी रक्तवीर अवार्ड की शुरुआत भी की जा रही है ।
जिसमें प्रमुख चार लोगों को इस अवार्ड क्रम नवाज़ रहे हैं और इन चारों लोगों ने बड़े - बड़े कैंपों का आयोजन कराकर के भारी मात्रा में रक्त दान कराने का काम किया है और यह मैसेज दिया है रक्त की आवश्यकता किसी को भी किसी भी वक़्त हो सकती है और जब किसी को अपनी जान बचानी होती है वो रक्त को उसका मज़हब और उसकी जाति पूछकर के नहीं लेता है बल्कि अपनी जान बचाने के लिए ले लेता है ना तेरा है ना मेरा है यह हिंदुस्तान सब का है नहीं समझी गई ये बात तो नुक़सान सब का है |वहीं हैदराबाद से चल करके आए इंजीनियर शेख मजीद साहब ने इस कार्यक्रम के लिए मानव रक्त फ़ाउंडेशन के सभी लोगों को व कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों मुख्य अतिथियों और मेहमानों का धन्यवाद किया ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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