राशन कार्ड में फर्जी नाम जुड़े होने का मामला: एक्ट में प्रावधान है जेल का, जांच पूरी तो हो

By: Khabre Aaj Bhi
Nov 06, 2022
174


By : मयंक कश्यप 

वाराणसी : रोहनिया फूड सिक्योरिटी एक्ट में यूं तो फर्जी राशन कार्ड व राशन कार्ड में फर्जी नाम जोड़कर बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों को इसकी कोई परवाह नहीं। दरअसल, न तो एक्ट के प्रावधानों का कहीं पालन किया जा रहा है और न ही मॉनिटरिंग हो रही है। वाराणसी जिले के आराजी लाइन ब्लाक अंतर्गत देउरा ग्राम सभा निवासी सुबासा देवी अपने राशन कार्ड में दो-दो सोहर का नाम जोड़कर फर्जी तरीके से कई वर्षों से राशन डकार रही है। आपको बता दें राशन कार्ड की गड़बडिय़ों के पीछे बड़ी वजह विभागीय मिलीभगत और मनमानी है। ऐसे कुछ मामले पकड़े गए, लेकिन आदेश के बाद भी इनमें कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सुबासा देवी के सोहर राम दवन पाल झूठे शपथ-पत्र देकर देउरा ग्रामसभा निवासी देवनाथ पटेल का नाम अपने राशन कार्ड में फर्जी तरीके से जोड़कर बनवा लिए, जबकि जरूरतमंद आज भी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। राशन कार्ड में बढ़ते फर्जीवाड़े पर रोक लगाने और जरूरतमंदों को योजना का लाभ देने के लिए फूड सिक्योरिटी बिल पास किया गया। एक्ट में साफ है कि जो भी व्यक्ति गलत जानकारी या गलत दस्तावेजों के आधार पर फर्जी राशन कार्ड बनवाएगा, उसे पांच साल तक की जेल हो सकती है। रुपए लेकर कार्ड बनाने वालों के साथ भी कानून ऐसा ही सलूक करेगा।

कानून में ये प्रावधान

गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड लेना आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 9 के तहत दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। कार्ड बनाने के नाम पर रिश्वत लेना अपराध है और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1) डी के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। दोष सिद्ध होने पर जेल जाना पड़ेगा।

फर्जीवाड़ा सिद्ध होने पर, क्या होगी कार्रवाई

वाराणसी के ग्राम देऊरा में राम दवन पाल और उनकी पत्नी सुबासा देवी ने एक व्यक्ति का नाम अपने राशन कार्ड में जोड़कर फर्जी कार्ड बनने का खुलासा 5 सितंबर को हुआ जब पीड़ित देवनाथ पटेल ने राजातालाब तहसील दिवस पर अधिकारियों के सामने लिखित पत्र देकर गुहार लगाई।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?