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गाजीपुर : उत्तर प्रदेश जनपद गाजीपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में इस समय एक से बढ़कर एक कारनामा देखने को मिल रहा है। जिसमें एक मामला फर्जीवाड़े का निकल कर सामने आ रहा है कि किसी व्यक्ति के माता- पिता दोनों अगर सरकारी सेवा में एक ही विभाग में हो, तो मृतक आश्रित कोटे में नौकरी नहीं दी जा सकती है। लेकिन बीएसए कार्यालय गाजीपुर में तथ्य गोपन करते हुए, बाबुओं की लिपिक संवर्ग में फर्जी नियुक्ति हुई बताया जाता है।
सूत्रों के अनुसार शासन स्तर से एक लिपिक पर तलवार लटक रही थी। तब तक दूसरा मामला भी आ गया। कर्मचारी यूनियन के जिला अध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव पर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने को लेकर अशोक शर्मा निवासी- देवकली, गाजीपुर ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि कर्मचारी यूनियन के जिला अध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव के माता- पिता दोनों ही बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। माता के निधन के पश्चात कर्मचारी यूनियन के जिला अध्यक्ष अधिकारियों की मिलीभगत व राजनेताओं की चाटुकारिता करके शिक्षा विभाग में नियुक्ति पा ली। बताया जाता है कि शासनादेश के अनुसार माता-पिता दोनों के सरकारी सेवा में रहने पर मृतक आश्रित कोटे में परिवार के किसी भी व्यक्ति को नौकरी नहीं देने का फरमान है। पीड़ित ने स्वयं बताया की हमारे द्वारा इसकी लिखित शिकायती पत्र जिला शिक्षा बेसिक अधिकारी गाजीपुर, मा. मुख्यमंत्री जी, शिक्षा निदेशक सहित तमाम उच्च अधिकारियों को दिया गया है। दुर्गेश श्रीवास्तव विकास भवन स्थित अपने कार्यालय में हस्ताक्षर बनाने के बाद वह गायब हो जाते हैं। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दुर्गेश श्रीवास्तव अपने प्रभाव को कायम रखते हुए अपनी नियुक्ति से संबंधित पत्रावली गायब करवा दी हैं ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की उच्च स्तरीय जांच में ये पकड़े ना जाए। बेसिक शिक्षा विभाग गाजीपुर में न होने वाला काम भी पैसे के दम पर असंभव को संभव बना दिया जाता है। जब हमारे मीडिया प्रतिनिधि ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस प्रकरण में बात की तो उन्होंने बताया कि अगर माता-पिता दोनों शिक्षा विभाग में है तो बच्चों को मृतक आश्रित की नौकरी नहीं मिलती है। अगर ऐसा मामला संज्ञान में आएगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।आपको बता दें किशिकायतकर्ता ने शासन प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है जिससे सच्चाई सामने आ सके।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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