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By : मो.हारून
जौनपुर : दीवानी न्यायालय ने बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। फर्जी ढंग से जमीन बेचने के आरोप में कोर्ट ने लाइन बाजार थाना को कार्रवाई का आदेश दिया है।बीजेपी की महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री उषा मौर्य के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल, निर्छला देवी ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। निर्छला देवी ने प्रार्थना पत्र में बताया था कि उनके ससुर खदेरन की जमीन थी। उनके पति की मृत्यु ससुर के जीवित रहते ही हो गई थी। ससुर की मौत के बाद राजस्व निरीक्षक के आदेश पर उसकी असली वारिस निर्छला देवी और उसका पुत्र पंकज हुए। प्राथमिकी आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण उसने और लड़के ने मिलकर जमीन दिलीप कुमार प्रजापति को बैनामा कर दी।
उपजिलाधिकारी ने आदेश स्थगित किया
इस मामले में विपक्षी पक्ष उषा देवी और निर्मला देवी उसकी ननद हैं। उषा देवी और निर्मला देवी ने तहसीलदार सदर के यहां आपत्ती डालकर प्रार्थी का नाम निरस्त करा दिया था। प्रार्थिनी का आरोप है कि तहसीलदार ने बिना किसी सबूत के उषा देवी और निर्मला देवी का नाम दर्ज कर दिया था। इस मामले में निर्मला देवी ने उपजिलाधिकारी के यहां अपील की। अपील में उप जिलाधिकारी ने तहसीलदार के आदेश को स्थगित कर दिया।
अपर आयुक्त वाराणसी में अपील दाखिल की
इसके बाद उषा देवी ने इस मामले में अपर आयुक्त वाराणसी में अपील दाखिल की। उन्होंने इस मामले में उषा देवी बनाम निर्छला देवी और उषा देवी बनाम दिलीप प्रजापति को पक्ष बनाया। अपर आयुक्त वाराणसी ने तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखा। इसके बाद मामला बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में पहुंचा। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने सारे आदेशों को निरस्त करते हुए वापस से उप जिलाधिकारी के पास मामले को भेज दिया। उप जिला अधिकारी ने वारिस के के आदेश को यथावत रखा।
फर्जी तरीके से दो गवाह बनाए
इसके बावजूद कूट रचित तरीके से भाजपा प्रदेश महामंत्री ने जमीन का सौदा कर लिया। 65 बिस्वा जमीन को फर्जी ढंग से दो गवाहों को तैयार कर प्रथम विक्रेता बनते हुए बेच दिया। जमीन को फर्जी रूप से बेचने में मनोज कुमार राय और पंकज कुमार मौर्या ने सहयोग किया।
थाने में नहीं हुई सुनवाई
जमीन को फर्जी रूप से बेचने की जानकारी होने पर लाइन बाजार थाने में प्रार्थना पत्र भी दिया गया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुलिस आख्या के अनुसार इस प्रकरण के संबंध में थाने में कोई भी अभियोग पंजीकृत नहीं है। कोर्ट ने प्रभारी निरीक्षक लाइन बाजार को सुसंगत धाराओं में एफ आई आर दर्ज करने के लिए आदेश दिया है। कोर्ट ने 3 दिन के भीतर एफआईआर की रिपोर्ट न्यायालय में भेजने के लिए भी आदेश दिया है। कोर्ट ने धारा 419, 420, 467 468 120b और 471 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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