To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
वाराणसी : गुनगुनी धूप में जुटी हजारों की भीड़़ ने एक सुर में वंदेमातरम गाना शुरू किया तो पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा। वंदेमातरम के सामूहिक गान ने देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता से लोगों को लबरेज कर दिया। वंदेमातरम आयोजन समिति काशी महानगर की ओर से सिगरा स्टेडि़यम में रविवार को आयोजित सामूहिक वंदेमातरम गायन कार्यक्रम में प्रख्यात चितंक व विचारक प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद का मूल आधार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। इसका दूसरा नाम हिंदुत्ववाद है। उन्होंने कहा कि हिन्दू हमारी मौलिक पहचान है‚ जबकि हिंदुत्व‚ हिन्दू होने और हिन्दुओं के वैशिष्टय के प्रति जागरूकता का नाम है। जब भी यह जागरूकता कम हुई न सिर्फ हिन्दुओं की संख्या कम हुई‚ बल्कि अखण्ड भारत की चौहद्दी भी सिमटती गयी।
प्रो.सिन्हा ने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई का हम लोगों का पूरा इतिहास‚ कुछ लोगों के ईद–गिर्द रखकर लिखा गया है। क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण ही‚ अंग्रेजों के मन में भय और निराशा के बादल छा गए। आज इतिहास की पुस्तकों में १२ वर्षीय शहीद बाज रावत और उसी उम्र की तैलेश्वरी बरुआ का नाम खोजने से भी नहीं मिलता। क्रांतिकारियों के योगदान और शुद्ध राष्ट्रवाद की घोर उपेक्षा की गई है।
काशी को रेखांकित करते हुए प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि काशी सिर्फ धर्म की नगरी नहीं है‚ बल्कि ज्ञान और परम्परा की सबसे प्राचीन नगरी है। काशी ने दुनिया में अकादमिक लोकतंत्र (एकेडेमिक डेमोक्रेसी) का विलक्षण उदहारण प्रस्तुत किया है। काशी के इसी ज्ञान परम्परा के आधार पर शिक्षा को यूरोप केंद्रित से भारतीय केंद्रित बना सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा व कानूनिवद डॉ. वीरेन्द्र ने कहा कि जिस प्रकार सांस्कृतिक विरासत को नष्ट किया गया। उसके बाद अमृत महोत्सव राष्ट्रवाद को स्पष्ट करने का सही अवसर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थापना यूरोपियन ने की थी‚ लेकिन पंथ और जाति के नाम पर समाज को बांटने का कुचक्र भी किया।
शंखनाद और डमरू की ड़मड़म से सिगरा स्टेडियम गुंजायमान हो गया। अतिथियों के आगमन पर डमरू और शंखनाद किया गया। हर–हर महादेव‚ वंदेमातरम और भारत माता की जय के उद्घोष ने लोगों में जोश और उत्साह जागृत कर दिया। हर हाथ में तिरंगा भारत की एकता और अखंड़ता को जीवंत कर रहा था। कार्यक्रम में शामिल छात्र– छात्रा जोश से भरे भारत माता की जय‚ वंदेमातरम के गगनचुंबी उद्घोष कर रहे थे। उनका कहना था कि तिरंगा लेकर हम संदेश देना चाहते है कि हम सुराज की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
संस्कार भारती काशी महानगर ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए संस्कृति से परिचित कराया। देशभक्ति गीतों पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को देशप्रेम से ओत–प्रोत कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश कुमार चौधरी‚ विशिष्ट अतिथि कर्नल राघवेन्द्र व सह संयोजक राहुल सिंह रहें। इस अवसर पर भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय महामंत्री अरविंद केसरी, डॉ. आशीष‚ रजत प्रताप‚ सुरेन्द्र‚ त्रिलोक‚ डॉ. राकेश‚ दीनदयाल‚ कृष्णचंद्र‚ रविशंकर‚ अनिल‚ प्रदीप कुमार‚ हरिओम‚ डॉ रंजना‚ अरविंद‚ अमित आदि उपस्थित रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers