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जौनपुर : सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चालू होने के बाद भी शहर गंदगी से मुक्त नहीं हो पाया है। मोहल्ले गंदगी से पटे पड़े हैं। इससे संक्रामक बीमारियां के फैलने की आशंका बनी रहती है। हालत यह है कि मोहल्लेवासी नगर पालिका कर्मचारियों व जिम्मेदारों से शिकायत करते हैं, लेकिन वह सिर्फ शहर के प्रमुख बाजारों और सड़कों की सफाई कर चुप्पी साध लेते हैं। इसके चलते शहर के विभिन्न मोहल्लो में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लगभग 5 लाख की आबादी वाले शहर में प्रतिदिन 110 टन कूड़ा निकलता है। इसके निस्तारण के लिए बदलापुर रोड स्थित कुल्हनामऊ में करोड़ों रुपये खर्चकर सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया गया है। प्लांट चालू होने के बाद भी शहर के कचरे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। कारण शहर की सफाई रोज नहीं हो पा रही है। शहर की सफाई के लिए करीब 600 कर्मचारी तैनात हैं। इसमें स्थायी 168, संविदा पर 72 और 360 आउटसोर्सिगिं के तहत नियुक्त हैं। इन सफाईकर्मियों को मोहल्लेवार तैनात किया गया है, लेकिन इन सफाईकर्मियों की ओर से रोज सफाई नहीं किए जाने से गंदगी का अंबार लगा हुुुआ है। वह कभी सप्ताह भर के बाद तो कभी पखवारा भर के बाद सफाई करते हैं, जिससे मोहल्लों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। विभिन्न मोहल्लों में पग-पग पर कचरा बिखरा हुआ है। सफाई निरीक्षक हरिश्चंद्र यादव ने बताया कि सफाई कार्य ज्यादा वह सफाई कर्मी कम होने की वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है,
"मोहल्लेवार सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है। उन्हें रोज सफाई करने का निर्देश भी दिया गया है। फिर भी अगर उनकी ओर से रोज सफाई नहीं की जा रही है तो इसकी शिकायत मिलने पर जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" - संतोष कुमार मिश्रा, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद जौनपुर
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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