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By : मो, हारुन
जौनपुर : बदलापुर में आर्थिक तंगी से परेशान होकर 3 सगी बहनों ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। तीनों घर से सुसाइड का मन बनाकर बिना किसी को कुछ बताए निकली थीं। ट्रेन ड्राइवर ने गेटमैन को बताया कि तीनों रेलवे ट्रैक के किनारे बैठी थीं। अचानक ट्रेन के आगे आकर कूद गईं
ऐसे हुई लडकियों की शिनाख्त
दरअसल, रेलवे फाटक से कुछ दूरी पर ही हादसा हुआ। सबसे पहले तीनों शव ट्रेन के ड्राइवर ने देखे, उसने गेटमैन को बताया। गेटमैन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के आने से पहले ही गांव के लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही थी कि तभी लड़कियों के पास पड़ा फोन बज उठा पुलिस ने रिसीव किया तो उधर से एक व्यक्ति ने उनके बारे में पूछा। तब जाकर लड़कियों के गांव का पता चल सका। परिवार और गांव के लोग गुरुवार देर शाम से लड़कियों की तलाश कर रहे थे। फोन करने पर जवाब भी नहीं मिल रहा था
आर्थिक रूप से कमजोर है परिवार पुलिस के मुताबिक, तीनों लड़कियां महराजगंज थाने के अहिरौली गांव की रहने वाली थीं। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, लड़कियों का नाम आरती (20), प्रीति (18) और काजल (15) है। तीनों गुरुवार शाम करीब 7 बजे घर से निकली थीं। इनके पिता का नाम राजेंद्र और मां का नाम आशा देवी है। पिता का निधन हो चुका है। मां दोनों आंखों से देख नहीं सकती हैं। इनकी एक बहन और है। भाई का नाम गणेश है। गणेश किसी तरह से पूरे घर का खर्च चला रहा है ।बदलापुर के फत्तूपुर गांव में रेलवे ट्रैक पर तीन लड़कियों के शव पड़े मिले थे, जिनकी शिनाख्त हो गई है। तीनों सगी बहनें निकलीं।बदलापुर के फत्तूपुर गांव में रेलवे ट्रैक पर तीन लड़कियों के शव पड़े मिले थे, जिनकी शिनाख्त हो गई है। तीनों सगी बहनें निकलीं।
परिवार को सता रही थी चिंता
लड़कियों के परिवार वालों को गहरा सदमा पहुंचा है। वह अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, अहिरौली गांव के लोगों का कहना है कि परिवार में कमाने वाला सिर्फ गणेश ही है। मां को विधवा पेंशन मिलती जरूर है, लेकिन उससे 4 बहन और एक भाई का परिवार कैसे चलाए। लड़कियों को यही चिंता सता रही होगी। इसलिए उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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