पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों कार्य सुविधा के लिए १.२३ लाख स्मार्टफोन एवं १.८७ लाख इन्फैंटोमीटर का वितरण

By: Khabre Aaj Bhi
Sep 28, 2021
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ में पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए १.२३ लाख स्मार्टफोन एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए १.८७ लाख इन्फैंटोमीटर का वितरण किया। इस मौके पर उनके साथ महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह समेत सभी वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे। कार्यक्रम में सीएम ने जनता को संबोधित किया। 

साथ ही उन्होंने इस अभियान की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे महत्वपूर्ण बताया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, तकनीक हमारे कार्य को आसान ही नहीं बल्कि पारदर्शी भी बनाती है। हमें उस फील्ड में दक्ष बनाने के साथ-साथ सम्मान का पात्र भी बनाती है। आज १.२३ लाख स्मार्टफोन का वितरण हो रहा है। बहुत जल्द सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन वितरित होगा। हर आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी के रूप में कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इस पर यूपी सरकार गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है।

उन्होंने आगे कहा, हम सामूहिक प्रयासों से किसी महामारी पर नियंत्रण कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इसका एक मॉडल उत्तर प्रदेश है। प्रत्येक आंगनबाड़ी का अपना भवन होगा। 4.5 वर्षों में यूपी सरकार के प्रत्येक विभाग ने कुछ न कुछ नया व अच्छा किया है। कहने के लिए यह केवल स्मार्ट फोन व ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाएं।

राज्य सरकार के कामकाज को लेकर भी सीएम ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश के बारे में धारणाएं बदली हैं। इंसेफेलाइटिस से होने वाली ९७ फीसदी तक मौत के आंकड़ों को नियंत्रित किया जा चुका है। यह दुनिया के लिए अपने आप में एक मॉडल है। आपको इससे बड़े स्तर पर परिवर्तन दिखाई देगा। आज जो कार्य यहां पर संपन्न हुए हैं, वे उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होंगे। आने वाले समय में इसके बेहद अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के पीछे सरकार का प्रयास आंगनबाड़ी कार्यक्रमों को और पारदर्शी बनाना है। स्मार्ट फोन से लैस होने के बाद बच्चों के पुष्टाहार और देखभाल समेत आंगनबाड़ी से संचालित होने वाली योजनाओं को ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि डेटा रीयल टाइम अपडेट होगा। सरकार को पता रहेगा कि कहां क्या स्थिति है। वहीं इस स्मार्टफोन के माध्यम से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। बता दें उत्तर प्रदेश में इस समय १.८९ लाख आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं।

मोबाइल फोन मिल जाने से विभाग के कार्यों को गति देने में मदद मिलेगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं को ऑनलाइन कार्य करने में भी आसानी होगी। कार्यकत्रियां कम समय में ही सभी सूचनाएं जिला मुख्यालय व प्रदेश मुख्यालय को भेज सकेंगी। ऑनलाइन फीडिंग के लिए अब उन्हें साइबर कैफे नहीं जाना पड़ेगा। समय के साथ ही पैसा भी विभाग का बचेगा। ऑनलाइन ट्रैकिंग भी आसानी से किया जा सकेगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दो दिवसीय ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

ताकि उन्हें ऑनलाइन कार्य करने में किसी तरह की दिक्कत न हो। प्रशिक्षण के दौरान उनको मोबाइल के साथ ही साथ विभाग के आंकड़ों को फीड करने सम्बन्धी जानकारी दी जाएगी। बताते चलें कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल में ही पोषण ट्रैकर एप लांच किया है। सभी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आंगनबाड़ी को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएं, जिसमें यह ऐप होगा। पोषाहार वितरित होने वाली सामग्री की इसमें फीडिंग की जाएगी। केंद्र सरकार एप पर होने वाली एक्टिविटी की सीधे निगरानी करेगी


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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