रयत शिक्षण संस्था को हमेशा बहुमूल्य सहयोग

By: Khabre Aaj Bhi
May 09, 2025
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जननेता रामशेठ ठाकुर और श्रीमती शकुंतला ठाकुर का कर्मवीर भूमि पर अभिनंदन

सातारा : रयत शिक्षण संस्था की प्रगति के लिए स्वयं खर्च सें करोड़ रुपए से अधिक का दान देने वाले जननेता रामशेठ ठाकुर और उनकी सुशिक्षित पत्नी शकुंतला ठाकुर, पूर्व सांसद, रयत शिक्षण संस्था के प्रबंध परिषद सदस्य ने इस वर्ष भी रयत शिक्षण संस्था के विकास के लिए 02 करोड़ 12 लाख रुपए का दान दिया है, जिसके लिए संस्था के अध्यक्ष सांसद शरद पवार द्वारा उनका सातारा स्थित कर्मवीर भूमि पर सार्वजनिक अभिनंदन किया गया।

रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक पद्मभूषण कर्मवीर भाऊराव पाटिल उर्फ ​​कर्मवीर अन्ना की 66वीं पुण्यतिथि सातारा स्थित समाधि क्षेत्र में मनाई गई। इस अवसर पर कर्मवीर अन्ना और रयात मौली की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर समारोह का आयोजन किया गया। लोकनेते रामशेठ ठाकुर ने सभी के लिए एक मिसाल कायम की है कि कैसे अपने पैसे का इस्तेमाल परोपकार के लिए किया जाए। वे रयात शिक्षण संस्था के पूर्व छात्र हैं। वे ‘कमाओ और सीखो’ योजना से जुड़े रहे हैं। उन्होंने संस्था में शिक्षक के तौर पर भी काम किया है। लोकनेते रामशेठ ठाकुर की खासियत यह है कि उन्होंने शहरी के साथ-साथ आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में रयात शिक्षण संस्था की शाखाओं को समय-समय पर जरूरत के हिसाब से उदारतापूर्वक मदद की है। संस्था की जरूरतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने का उनका काम निरंतर जारी है। कर्मवीर अन्ना ने जमीनी स्तर पर शिक्षा की गंगा बहाई। लोकनेते रामशेठ ठाकुर अपने काम को जारी रखने में अग्रणी रहे हैं और उस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। अपनी खुद की “जनार्दन भगत शिक्षण प्रसारक संस्था” होने के बावजूद उन्होंने रयत शिक्षण संस्था को अपनी मातृ संस्था मानकर उसकी मदद के लिए खुद को समर्पित कर दिया और रयत को मजबूत समर्थन दिया। समीकरण यह रहा है कि संस्था कुछ कहती और लोकनेते रामशेठ ठाकुर तुरंत उस पर अमल करते। “पथभ्रष्ट मार्ग पर तो कोई भी चल सकता है, लेकिन अनपढ़ मार्ग पर चलने वाले ही इतिहास रचते हैं”, उसी के अनुरूप लोकनेते रामशेठ ठाकुर ने मोखाड्या जैसे अति दुर्गम क्षेत्र में शिक्षा की नींव रखकर शिक्षा की ऊंचाई बनाई है। उनके दान से कई शाखाएं स्थापित की गईं और इससे हजारों नहीं बल्कि लाखों छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कर्मवीर अन्ना ने बहुजन समाज की सोच रखते हुए रयत शिक्षण संस्था की स्थापना की। आज संस्था की साढ़े सात सौ से अधिक शाखाओं में साढ़े चार लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसी क्रम में रयत शिक्षण संस्था के कार्यों को आगे बढ़ाने तथा जमीनी स्तर पर विद्यार्थियों के विकास के लिए कार्य करने वाले लोकनेते रामशेठ ठाकुर तथा उनके परिवार का योगदान सदैव अमूल्य रहा है। इसी क्रम में रयत शिक्षण संस्था को शैक्षणिक तथा भौतिक सुविधाएं प्रदान करने तथा विद्यार्थियों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए दान के रूप में विशेष योगदान देने वाले लोकनेते रामशेठ ठाकुर तथा उनकी सुशिक्षित पत्नी श्रीमती शकुंतला रामशेठ ठाकुर को हजारों रैयत सेवकों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। संस्था के अध्यक्ष सांसद शरद पवार की अध्यक्षता में हुए इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री मकरंद पाटिल, संस्था के अध्यक्ष चंद्रकांत दलवी, आयोजक डॉ. अनिल पाटिल, वॉइस चेयरमैन भागीरथ शिंदे, सचिव विकास देशमुख, विधायक दिलीप वलसे पाटिल, सांसद सुप्रिया सुले, विधायक आशुतोष काले, रोहित पवार, चेतन तुपे, विश्व मराठी अकादमी के अध्यक्ष गौरव फुटाने, संस्था के उपाध्यक्ष राम कांडगे, अरुण कडू पाटिल समेत अन्य लोग उपस्थित थे। जयश्री चौगुले, सरोजमाई पाटिल, कर्मवीर भाऊराव पाटिल, विश्वविद्यालय के कुलपति म्हास्के, सामान्य निकाय के सदस्य वाईटी देशमुख, जे एम म्हात्रे,  महेंद्र घरत, श्रीमती शकुंतला रामशेठ ठाकुर विद्यालय के अध्यक्ष परेश ठाकुर, संजीव पाटिल, ज्योत्सना ठाकुर और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

इस अवसर पर संगठन की विभिन्न शाखाओं में गुणात्मक और मात्रात्मक विकास करके समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संगठन की विभिन्न शाखाओं को 'कर्मवीर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। साथ ही माध्यमिक और महाविद्यालय स्तर पर शैक्षणिक, सामाजिक और शोध क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्राध्यापकों और शिक्षकों को 'यशवंतराव चव्हाण आदर्श शिक्षा पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इसके अलावा खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करके रयत शिक्षण संस्था का नाम रोशन करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही संगठन के अध्यक्ष चंद्रकांत दलवी ने अपने विचारों में संगठन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की।

उद्धरण -

रयत शिक्षण संस्था की स्थापना करके कर्मवीर अन्ना ने सामान्य परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खोले। साथ ही अन्ना ने संगठन के माध्यम से ज्ञान देने वाले एक बड़े परिवार का निर्माण किया। अन्ना के आशीर्वाद से संगठन अधिक से अधिक प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। - सांसद शरद पवार


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Reporter - Khabre Aaj Bhi

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