बालाजी तांबे के नि:धन से आयुर्वेद, अध्यात्म और योग शिक्षा में खो गए व्रतस्थ कर्मयोगी !: नाना पटोले

By: Khabre Aaj Bhi
Aug 10, 2021
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मुंबई: आयुर्वेदाचार्य बालाजी तांबे ने जीवन भर आयुर्वेद और योग शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी आयुर्वेद और योग के महत्व पर जोर दिया और समाज के विभिन्न वर्गों को आयुर्वेद से जोड़ा। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने आध्यात्मिकता, योग शिक्षा और आयुर्वेद में व्रतस्थ कर्मयोगी के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

बालाजी तांबे ने लोनावला के निकट कार्ला में 'सेल्फ बैलेंसिंग व्हिसल' के माध्यम से आयुर्वेद के बारे में समाज में जागरूकता फैलाई। उन्होंने आयुर्वेद के महत्व के बारे में प्रचार करने के लिए हजारों लेख लिखे। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक फिजियोथेरेपी पर शोध किया। उन्होंने वैज्ञानिक और गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बालाजी तांबे ने पांच दशकों तक आयुर्वेद, आध्यात्मिकता और संगीत चिकित्सा को बढ़ावा दिया। उनके निधन से आयुर्वेद और योग शिक्षा के क्षेत्र पर भारी असर पड़ा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बालाजी तांबे को श्रद्धांजलि देते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ताम्बे परिवार के दुख को साझा किया।


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Reporter - Khabre Aaj Bhi

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