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जौनपुर :जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध पांच जनपद में अध्यनरत सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लग गया है। छात्रों के आनलाइन किए गए फार्म का महाविद्यालयों में सत्यापन नहीं किया गया। जिसके लिए अब भी विद्यार्थी विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन छात्रों की समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण व लाकडाउन में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न जनपद के महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने द्वितीय वर्ष में परीक्षा फार्म आनलाइन करने के बाद यह कहते हुए फीस नहीं जमा किया कि आर्थिक परेशानी चल रही है और विश्वविद्यालय से प्रोन्नत कर दिया जाएगा। ऐसे में छात्र-छात्राओं ने परीक्षा फार्म आनलाइन करने के बाद महाविद्यालय में परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया। जिस वजह से महाविद्यालय ने उनके फार्म का सत्यापन नहीं किया। शासन व विश्वविद्यालय में जब स्नातक द्वितीय, तृतीय वर्ष व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष परीक्षा की गाइड लाइन जारी हुई तो छात्र फीस जमा करने को महाविद्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर दिए। फार्म सत्यापन करने की तिथि समाप्त हो चुकी थी।
इस तरह से पांच जिले के ९३० महाविद्यालयों के सैकड़ों ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनके परीक्षा फार्म का सत्यापन महाविद्यालय ने नहीं किया। जिसके लिए वह महाविद्यालय पहुंचकर अपनी परेशानियों से अवगत करा रहे हैं। महाविद्यालय से छात्रों को विश्वविद्यालय भेज दिया जा रहा है। छात्र विश्वविद्यालय पहुंचकर संबंधित अधिकारियों से अपनी समस्याओं को बता रहे हैं, लेकिन छात्रों की इस समस्या पर विश्वविद्यालय कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में यदि उनकी परीक्षा सत्र २०२०-२१ में नहीं हुई तो वह एक वर्ष पीछे तो होंगे ही कई अन्य दिक्कतें भी उन्हें उठानी पड़ेंगी। परीक्षा शुरू हो गई है। आखिर कब तक फार्म का सत्यापन और जमा कराया जाएगा। विश्वविद्यालय की भी अपनी कुछ मजबूरी होती है। फिलहाल इस मामले में ज्यादा कुछ कह पाना मुश्किल है।
(बीएन सिंह,परीक्षा नियंत्रक, पूर्वांचल विश्वविद्यालय)
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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