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अयोध्या : भेलसर बृहस्पतिवार १४ जनवरी को शेख मख्दूम अहमद अब्दुल हक़ रूदौलवी मख्दूम साहब के उर्स का चाँद दिखते ही ६०४ वें उर्स की शुरुआत दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन व मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ की क़यादत में शुरू हो गयी है।
दरगाह शरीफ से तालुक रखने वाले शाह मसूद हयात ग़ज़ाली ने बताया कि दरगाह शरीफ के अंदर सज्जादा नशीन मुतवल्ली नैय्यर मियाँ की सदारत में महफ़िल ए समा(क़व्वाली)परंपरागत तौर पर बारह दिनों तक दरगाह शरीफ के अंदर नैय्यर मियाँ की क़यादत में होती रहेगी।२६ जनवरी को सुबह ६ बजे क़ुरआन ख्वानी जलसा ए ईद मिलाद उन नबी होगा।रात में दरगाह शरीफ के अंदर क़व्वाली होगी जिसमें देश के मशहूर क़व्वाल सूफी कलाम पेश करेंगे।२७ जनवरी को रात 9 बजे खानकाह मख्दूम साहब में महफ़िल ए समा(क़व्वाली)होगी।२८ जनवरी दिन में २ बजे खानकाह में महफ़िल ए समा(क़व्वली)होगी शाम ६ बजे दरगाह शरीफ में नैय्यर मियाँ द्वारा चराग़ दान की रस्म अदा की जाएगी।
रात ९ बजे महफ़िल ए समा क़व्वली खानकाह मख्दूम साहब पर होगी जो पूरी रात चलती रहेगी इसी के बाद पहला कुल होगा।२९ जनवरी सुबह ६ बजे नैय्यर मियाँ मख्दूम साहब की मजार पर केवड़ा इत्र लगा कर ग़ुस्ल की रस्म अदा करेंगे।दिन में २ बजे ख़िरके शरीफ की महफ़िल खानकाह मख्दूम साहब पर होगी उसके बाद सज्जादा नशीन नैय्यर मियाँ श्रद्धालुओं को मख्दूम साहब के ख़िरके (पवित्र वस्त्र)का दर्शन कराएंगे।इसी के साथ उर्स सम्पन्न हो जाएगा।उन्होंने बताया कि समस्त उर्स के कार्यक्रम सज्जादा नशीन व मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ की सदारत में होते हैं।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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