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by : मो, हारून जौनपुर
जौनपुर : हिन्दी दिवस के अवसर पर शिक्षाविद् डॉ. ब्रजेश कुमार यदुवंशी की अध्यक्षता में सिविल लाइन स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष ‘अंग्रेजी में छब्बीस अक्षर होते हैं, हिन्दी में कितने ?’ विषयक संगोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद् डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने कहा कि बहुत से पढ़े लिखे लोगों को भी नहीं मालूम कि हिन्दी में कितने अक्षर होते हैं। हिन्दी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान बन गयी है। विश्व के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है और कई विदेशी विद्वान हिन्दी में महत्वपूर्ण शोधकार्य में लगे हैं। डॉ. यदुवंशी ने कहा कि एक तरफ हिन्दी के स्वरूप का विकास हो रहा है, उसकी लोकप्रियता बढ़ रही है तो दूसरी तरफ नई पीढ़ी हिन्दी के प्रति उदासीन होती जा रही है, बल्कि हिन्दी में बोलने-लिखने में अपमान महसूस कर रही है। आज ज्यादातर घरों की खिड़कियों से अंग्रेजी पॉप संगीत छनकर आ रहा है। नई पीढ़ी इसकी धड़कनों पर थिरक रही है। आखिर ऐसा समय कब आयेगा, जब नई पीढ़ी शुद्ध हिन्दी बोलेगी, लिखेगी और पढ़ेगी।
राष्ट्रीय एकता में हिन्दी ही सबसे ज्यादा कारगर साबित होगी। अन्त में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हाथ में तख्ती लेकर पांच मिनट का मौन प्रदर्शन के साथ ही गांधी जी द्वारा की गई हिन्दी सेवा को याद करते हुए लोगों ने श्रद्धापूर्वक नमन किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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