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लखनऊ। कर्नाटक में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच गुरुवार की सुबह बीएस येद्दयुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यटमंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान और प्रकाश जावड़ेकर राजभवन में मौजूद रहे। बतौर मुख्य मंत्री येद्दयुरप्पा की यह तीसरी पारी है। हालांकि, येद्दयुरप्पा ने आज अकेले ही शपथ लिया। माना जा रहा है कि सदन में बहुमत साबित होने के बाद अन्यप मंत्री भी शपथ लेंगे। राजभवन के बाहर सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता राजभवन पहुंचे। शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी और अमित शाह मौजूद नहीं रहे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व येद्दयुरप्पा ने राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा-पाठ की और इसके बाद वह राजभवन पहुंचे। मुख्यममंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब येद्दयुरप्पा के समक्ष सदन में बहुमत साबित करने की चुनौती होगी। अगले 15 दिनों में उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी कर्नाटक में सियासी ड्रामे का खात्मा नहीं हुआ है। बता दें कि मंगलवार को त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने के साथ ही बेंगलुरु में शह-मात का खेल शुरू हो गया था। दूसरे नंबर पर खड़ी कांग्रेस ने तत्काल तीसरे नंबर की पार्टी जदएस के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का न्योता देकर भाजपा की राह रोकने की कोशिश की थी। भाजपा की ओर से भी राज्यपाल के समक्ष दावा किया गया था। बताते हैं कि मंगलवार की शाम से बुधवार की शाम तक राज्यपाल ने कई कानूनी विशेषज्ञों से राय-मशविरा किया। जमीनी स्तर से आ रही खबरों के हवाले से यह परखने की कोशिश भी की कि कौन-सा धड़ा स्थायी सरकार दे सकता हैं
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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