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मुंबई : कुर्ला पश्चिम के रहने वाले कवि, साहित्यकार तथा पूर्व मनपा शिक्षक रामकेश एम. यादव का शालेय बच्चों का इस कोरोना काल में शिक्षा देने के तौर तरीकों पर अपना विचार रखते हुए कहा है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बच्चों को दूर दर्शन के माध्यम से उनके पाठ्यक्रम तथा कक्षानुसार अलग - अलग समय में शिक्षा दी जाय ताकि वो सब उसका भरपूर लाभ उठा सकें। श्री यादव ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि ऑनलाइन शिक्षा देना एक विकल्प तो है लेकिन इस लॉकडाउन में अभिभावकों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह हर बच्चे को मोबाइल खरीदकर दे सकें और दूसरी परिस्थिति ये निर्माण होती है कि कई घंटे मोबाइल से लगे रहने से बच्चों की आँख और मष्तिष्क पर बुरा असर पड़ सकता है। इस तरह की खबरें समाचार पत्रों में भी आ चुकी हैं ।
इस लिये पहली से पाँचवी तक की पढ़ाई शालेय बच्चों को आन लाइन बिलकुल न दी जाय वहीं दूसरी तरफ बड़े बच्चों के लिए कुछ हद तक ठीक है। इस तरह पहले सत्रांत की पढ़ाई दूरदर्शन से तथा द्वितीय सत्रांत पढ़ाई समय काल देखकर स्कूल - कॉलेज के माध्यम से दी जाय तो इससे बच्चे अपने घरों में महफूज़ रहेंगे। आगे स्कूल-कॉलेज की छुट्टियाँ रद्द कर बच्चों के पाठ्यक्रम को समझदारी पूर्वक इस तरह संपन्न किया जा सकता है। जान है तो जहान है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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