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रिपोर्ट : यशपालशर्मा
मुंबई : लॉक डाउन के कारण मुंबई करी गरीब जनता अपने घरों में बंद रहकर भुखमरी के कगार पर पहुंचने के कारण शिवाजीनगर-मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र की जनता सहित मुंबई के घाटकोपर,कुर्ला,सायन, चीता कैम्प मुंबई सेंट्रल, सायन,वडाला जैसे क्षेत्रों में काम करने वाला मजदूर वर्ग लॉक डाउन के कारण फंसने के चलते उनलोगों की भूखे मरने की नौबत आचुकी है ।इस मुसीबत की घड़ी में भूखी जनता को खाना खिलाने के नाम पर सामजिक संस्थाओं ने वर्तमान समय के राजनीतिक दालों को काफी पीछे छोड़ दिया है ।मुंबई करी नागरिको को ऐसा मानना है कि चुनावों के समय पर्ची किस घर घर पहुँचना है ,इसकी जानकारी रखते है।
परंतु वर्तमान समय मे मंबई की भूखी गरीब जनता को खाना खिलाकर पेट भरने ई नौबत आने पर मुंबई के अधिकांश नगरसेवकों स लेकर विधायक और संसाद गायब है ।कहा जाता है कि मात्र नाम भर के लिये कुछ एक विधायक,संसाद,नगरसेवक सक्रिय तौर पर लगे हुए है ।ऐसे मुसीबत की घड़ी में मुंबई के अधिकांश एनजीओ,सामाजिक संस्थाएं पूरी तरह से सड़कों पर उतर चुकी है ।कहा जाता है कि उदारहण के तौर पर शिवाजीनगर-मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र के विधायक अपनी विधानसभा की 7 लाख की जनता के से सिर्फ 5 वार्डो की जनता का ध्यान रख रहे है ,बकाया जनता को लावारिश छोड़ दिया है ।कुछ ऐसा ही हाल ईशानाय मुंबई भाजपा संसाद मनोज कोटक सिर्फ घाटकोपर लेकर मुलुंड तक ही समिति रहे गये है ।शिवाजीनगर मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र की आक्रोशित जनता भाजपा संसाद को भगोड़ा करार दिया है ,जो कोरोना की विभितिक्षा को देखते झोपड़पट्टियों की जनता को अनदेखा कर रहे है गायब कर रहे ।
भुखमरी के कगार पर पहुंच चुकी 20 हजार जनता को रोजाना खाना खिला रहे है । ऐसे समय मे राजनीतिक नेताओं द्वारा भूखी जनता से मुहाँ फेरने के कारण आज सामाजिक संस्थाएं आगे आकर गरीबों को पेट भर रही है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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