सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर विशेष

By: Khabre Aaj Bhi
Dec 06, 2019
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By नवनीत मिश्र*

उत्तर प्रदेश: प्रतिवर्ष सात  (07) दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस राष्ट्र की रक्षा करने वाले जांबाज सैनिकों के प्रति देशवासियों के कर्तव्य की याद दिलाता है। इस दिन नागरिक,सरकारी और शैक्षिक संस्थाएं देशभर में ‘लाल गहरे नीले और हल्के नीले रंग’का झंडा वितरित करके चंदा एकत्रित करती हैं।एकत्र किया गया धन युद्ध में हताहत हुए पूर्व सैनिकों के राहत, पुनर्वास तथा कल्याण पर खर्च किया जाता है। झंडा दिवस का प्रारंभ सन 1949 में हुआ। इस झंडे के तीनों रंग लाल, गहरा नीला और हल्का नीला तीनों सेनाओं (जल,थल,व वायु) का प्रतिनिधित्व करते हैं। आजादी के पहले भी पूर्व सैनिकों के कल्याण तथा पुनर्वास के लिए धन एकत्र करने की प्रथा थी। आजादी के पहले 11 नवंबर को ‘स्मरण दिवस’ पर पूर्व सैनिकों के लिए धन एकत्र किया जाता था। जो मुख्यतः अंग्रेज सैनिकों के कल्याणार्थ खर्च की जाती थी। धन एकत्र करने वाली संस्था अपनी विवेकानुसार इसमें से कुछ धनराशि पूर्व भारतीय सैनिकों के लाभ के लिए दे दिया करती थी।

झंडा दिवस के दिन एकत्र होने वाले धन को ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष’ में जमा कर दिया जाता है। केंद्र में रक्षा मंत्री, राज्यों में राज्यपाल तथा केंद्र शासित राज्यों में उपराज्यपाल की अध्यक्षता में गठित प्रबंध समितियां इस कोष संचालन करती हैं । प्रत्येक राज्य प्रति व्यक्ति के हिसाब से केंद्रीय कोष में अंशदान देता है।

राज्य सरकारों द्वारा एकत्रित धन को जिला स्तर पर सैनिक कल्याण बोर्डों को वितरित किया जाता है। जो जरूरतमंद पूर्व सैनिकों तथा शहीद या घायल हुए सैनिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। इस दिन हमें झंडा लेकर सैनिकों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना चाहा। 


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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