To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
जमानिया/गाजीपुर : 25 अप्रैल, जमदग्नि ऋषि के शहर जमानिया के चितामन पट्टी में मानव सेवा शक्ति आश्रम के संस्थापक एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी बाबूलाल 'मानव' के कुशल संयोजन में उनकी धर्मपत्नी की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा और एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता महाकाव्य के रचयिता कामेश्वर द्विवेदी ने किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कोलकाता के प्रख्यात ग़ज़लकार राम पुकार सिंह पुकार गाज़ीपुरी और विशिष्ट अतिथि के रूप में गाजीपुर के मशहूर कवि के मशहूर कवि विजय नारायण राय ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।इस मौके पर उपस्थित कलमकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी सरस कविताओं से वातावरण को रससिक्त कर दिया।कवि सम्मेलन का शुभारम्भ कामेश्वर द्विवेदी द्वारा मधुर सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ। तत्पश्चात विजय नारायण ने "जब टीवी मेरे घरआया/किताबें पढ़ना भूल गया।घर में जब कार आ गई/तो पैदल चलना भूल गया।"सुनाकर अन्धकार पर आलोक की उम्मीद बिखेरी तो बाबूलाल म़ानव ने "मानवता के पथ पे मानव तू मिल के/आयेगा राज तुम्हारा एकता ही के बल पे।" सुनाकर यह सन्देश दिया कि हमें मानवता के पथ पर चलना है।मुख्य अतिथि रामपुकार सिंह " पुकार गाज़ीपुरी" ने भी अपनी रचना "प्यार जिससे रहा वो रहा ही नहीं/उम्र भर साथ उनका मिला ही नहीं।" सुनाकर
सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।अपने सारगर्भित अध्यक्षीय वक्तव्य के बाद कामेश्वर द्विवेदी ने "बन्धुवर कण्टकों की डगर छोड़कर, प्रेम के पंथ पर फिर उतर जाइए।/ आज की यों दहकती हुई अग्नि में, स्वर्ण -सा तप्त होकर निखर जाइए।" सुनाकर उपस्थित लोगों की वाह वाही बटोरी।इस अवसर पर राघवदास खड़ेसरी महाराज, जयनारायण, उमाशंकर, प्रवीणराय, विजयपाल, कुसुमबाला, धिराजी, सीमा, रेनू, पूजा, प्रतिमा, चिन्ता एवं पंकज इत्यादि प्रमुख श्रोता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में "मानव" ने सबके प्रति आभार जताते हुए सभा समापन की घोषणा की।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers