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मुंबई : कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उपाध्यक्ष एवं ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ के अध्यक्ष श्री सुरेश भाई ठक्कर ने कहा 4 मार्च गत सप्ताह शुल्क मुक्त आयात बंद हो गया, जिससे भारतीय बंदरगाहों पर बाजार 2 रुपए बढ़ाकर 40/41 रुपए प्रति किलो बोलने लगे। बाजार में भी जो मटर 44/45 रुपए प्रति किलो बिक रही थी, उसके बाद 46/47 रुपए हो गए। छनी हुई मटर रेपुटेशन के हिसाब से अलग-अलग क्वालिटी की ऊंची बोली गई। हम मानते हैं कि मटर का स्टाक मंडियों में प्रचुर मात्रा में पड़ा हुआ है, लेकिन घरेलू फसल केवल 10 प्रतिशत रह जाने से भविष्य में अच्छी तेजी लग रही है। पिछले दो वर्षों से आयात जबरदस्त रहा है, इस वजह से भारतीय बंदरगाहों पर माल का स्टॉक डंप हो जाने से बाजार टूट कर पिछले दिनों पानी-पानी हो गए थे। इस बार किसान भी मटर की बिजाई से पीछे हट गए हैं तथा अपनी बोई हुई फसल को सब्जी में बेचकर गेहूं की बिजाई उस खेत में कर दिए हैं, इस वजह से आने वाली फसल काफी कम आने वाली है। कनाडा के पड़ते भी अब ऊंचे लगने लगे हैं, इन परिस्थितियों में बाजार तीन-चार रुपए प्रति किलो बढ़ गया है तथा आगे भी रुक-रुक कर तेजी कायम रहने की संभावना है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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