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मुंबई। मुंबई में समुद्र के बीच बन रहे शिवाजी स्मारक को लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है। तट से शिवाजी स्मारक तक विजिटर्स को ले जाने के लिए बोट होंगी जिनके आवागमन के लिए अलग से एक जेटी (बोट खड़े होने का स्थान) बनाई जा रही है। यहां बनने वाली शिवाजी की मूर्ति को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस मूर्ति की ऊंचाई जहां करीब 210 मीटर होगी, वहीं स्टैचू ऑफ यूनिटी 182 मीटर की ऊंचाई के साथ फिलहाल दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।
महाराष्ट्र मैरिटाइम बोर्ड (एमएमबी) ने नरीमन पॉइंट स्थित एनसीपीए के पास की 4 एकड़ जमीन को जेटी के लिए चिह्नित किया है। एमएमबी के सीईओ विक्रम कुमार ने बताया, शिवाजी मेमोरियल दुनियाभर के पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल होगा। गेटवे ऑफ इंडिया के पास स्थित जेटी बहुत कंजेस्टेड है और वहां से पहले से ही बड़ी संख्या में बोट संचालित होती हैं।’एमएमबी को नई जेटी बनाने के लिए करीब 4 एकड़ जमीन चाहिए। विक्रम ने कहा, ‘एनसीपीए के आसपास जमीन खाली नहीं है, इसलिए हम समुद्र के आसपास का हिस्सा रीक्लेम करेंगे। जेटी के अलावा यहां कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी और पैसेंजर्स के लिए वेटिंग एरिया भी होगा।’ उन्होंने बताया कि एमएमबी ने अलग-अलग एजेंसियों को इसके लिए प्रस्ताव भेज दिए हैं। जैसे ही इन्हें मंजूरी मिलती है, प्रॉजेक्ट के लिए बिड मंगाई जाएंगी। जेटी बनाने में करीब 250 करोड़ का खर्च आएगा।
दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति यानी सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का एक दिन पहले ही 31 अक्टूबर को पीएम मोदी ने अनावरण किया है। मगर यह प्रतिमा सिर्फ 3 साल ही सबसे ऊंची रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि शिवाजी की मूर्ति स्टैचू ऑफ यूनिटी से भी ऊंची होगी। शिवाजी की मूर्ति की ऊंचाई जहां करीब 210 मीटर होगी, वहीं स्टैचू ऑफ यूनिटी 182 मीटर की ऊंचाई के साथ फिलहाल दुनिया की
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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