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सेवराई: स्थानीय गांव के अतिप्राचिनतम सेवराई गढ़ी ग्राम रामलीला समिति सेवराई द्वारा गुरुवार की रात्रि धनुष यज्ञ नामक रामलीला का सजीव मंचन किया गया ।
मिथिला नरेश महाराज जनक अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर किया था जिसमे उन्होंने प्रण किया था कि शिव के धनुष का प्रत्यंचा जो भी वीर चढ़ा देगा उसी के गले में उनकी पुत्री सीता बरमाला डालेगी । महर्षि नारद लंका नरेश रावण व बाणासुर को जाकर स्वयंवर की पूरी सूचना देते हैं। महर्षि की बातों को सुन रावण और बाणासुर भी जनकपुर पहुंचते हैं । जहां दोनों लोगों में संवाद होता है रावण ज्यों ही धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं उसी समय आकाशवाणी होती है कि तुम्हारी बहन कुंभीनिशा को कोई दानव हरण करके ले जा रहा है रावण तत्काल अपनी बहन की रक्षा के लिए जाता है और बाणासुर भी भगवान शिव के धनुष को प्रणाम कर वापस चले जाते हैं। बंदीजन सभी राजाओं को ललकारते व जोश देते हुए महाराज जनक की प्रतिज्ञा को दोहराते हैं। सभी राजा एक एक कर अपना जोर आजमाइश करते हैं लेकिन शिव का विशाल धनुष तिल मात्र हिल भी नहीं सका तो महाराज जनक को चिंता हुई और सभी राजाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दीप दीप के राजा गण हम किसे कहें बलशाली है हमको तो यह विश्वास व पृथ्वी वीरों से खाली है। यह बातें सुनते ही स्वंबर में उपस्थित लक्ष्मण से रहा नहीं गया और उन्होंने जोशपूर्ण अंदाज में कहा कि रघुवंशी वीरों के होते ऐसा भी कोई कहता है यह शब्द हृदय में चुभता है पृथ्वी वीरों से खाली है। तब महर्षि विश्वामित्र ने उचित समय समझ कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को आदेशित करते हैं कि धनुष की प्रत्यंचा को चढ़ाकर महाराज जनक के संताप को दूर कर दीजिए। आदेश मिलते ही भगवान श्रीराम शिव के धनुष को ज्योहीं ही उठाते हैं एक जोरदार आवाज के साथ धनुष खंड - खंड हो जाता है और सीता श्री राम के गले में वरमाला पहना स्वयंबर रचाती हैं। आदर्श रामलीला समिति सेवराई में फुलवारी का सजीव मंचन किया गया।
इस मौके पर संजीव सिंह, विक्की, व्यास दीनानाथ गिरी, अभिमन्यु सिंह, नित्यानंद उपाध्याय, निर्देशक राम अवधेश शर्मा, ब्रह्म दयाल सिंह, हरिनारायण सिंह, उपेंद्र लाल, सुभाष यादव, अरविंद सिंह, संजय सिंह, गोपाल यादव, अनिल सिंह, सुरेंद्र लाल आदि लोग उपस्थित रहे मंच संचालन सचिव सुमन्त सिंह सकरवार ने किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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